हरिद्वार: देवभूमि हरिद्वार में गंगा किनारे बने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के नए होटल भागीरथी का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकार्पण किया। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। होटल का लोकार्पण करने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अलकनंदा होटल की चाबी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी।
हरिद्वार में नवनिर्मित भागीरथी विश्राम गृह के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, “इस धरती पर जिन्होंने जन्म लिया और संपूर्ण भारत जिनकी कर्म स्थली बन चुकी है ऐसे पूज्य संत श्री योगी आदित्यनाथ जी का मैं हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। 22 वर्षों से चल रहे परिसंपत्ति के मामले में सहृदय होकर इन मसलों का हल करने के लिए मैं समस्त प्रदेशवासियों की ओर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का आभार व्यक्त करता हूँ।” आज हम जब नए भारत की कल्पना करते हैं तो इसका मतलब आध्यात्मिक विकास से भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व मे आध्यात्मिक विकास की जो यात्रा प्रारंभ हुई है उस यात्रा की कड़ी में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
पुष्कर सिंह धामी ने आगे यह भी कहा- देश के जनप्रिय नेता व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी आध्यात्मिक चेतना के धर्म ध्वजा को लेकर चलने वाले ध्वज वाहक हैं। आज योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है हम सबको इस पर गर्व है। योगी जी के कर्म क्षेत्र जिसकी कोई सीमा नहीं है वह अनंत है।
वहीं, योगी ने भी कार्यक्रम को संबोधित कर कहा- भारत के जीवनधारा की आत्मा ‘मां गंगा’ है। गंगा तब बनती है जब अलकनंदा और भागीरथी एक साथ मिलती हैं। यह PM श्री नरेंद्र मोदी जी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करता है कि लोकतांत्रिक माध्यम से चुनी गईं सरकारें संवाद से समस्या समाधान कर सकती हैं। आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को मैंने अलकनंदा होटल की चाबी सौंपी है। अब अलकनंदा होटल का पूरा मुनाफा उत्तराखंड सरकार लें। वहीं, UP सरकार ने अपने पर्यटन गृह के रूप में भव्य भवन ‘भागीरथी’ तैयार कराया है। हम लोगों ने PM श्री नरेंद्र मोदी जी से एक ही बात सीखी है कि मामले को उलझाना नहीं है बल्कि उसकी जड़ में पहुंचकर समस्या का हमेशा के लिए समाधान निकालना है। उस समाधान के रास्ते पर UP सरकार और उत्तराखंड सरकार मिलकर आगे बढ़ रही हैं।
दरअसल, वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुआ, तो दोनों राज्यों के बीच में परिसंपत्तियों के बंटवारा किया गया था। पर्यटन के क्षेत्र में आवासीय स्थल के रूप में पहचाने जाने वाले अलकनंदा होटल पर उत्तराखंड ने अपने हक जताया, जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड के दावे को माना। बाद में दोनों सरकारों के बीच सहमति बन गई और इसी समझौते के तहत उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड में जमीन उपलब्ध करवाई गई, जिस पर यूपी सरकार ने एक आलीशान 100 कमरों का पर्यटक आवास तैयार किया है और उसे नाम भागीरथी पर्यटन आवास दिया।
बता दें कि पहाड़ी शैली से बनाए गए भागीरथी होटल में 100 कमरों में 12 वीआईपी और 88 लग्जरी कमरे हैं। आधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त भागीरथी होटल में लिफ्ट, एसी और बैंक्वेट हॉल की व्यवस्था भी है। इस होटल के एक बैंक्वेट हॉल में 100 लोगों की गैदरिंग की कैपेसिटी जबकि दूसरे में 150 लोगों के जमा होने की क्षमता है। इसमें किसी खास मौके पर पर्यटक कोई कार्यक्रम भी आयोजित कर सकते हैं। इसके साथ ही होटल के निकट में ही गंगा नदी का प्रवाह है। मतलब अगर आप इस होटल में ठहरते हैं तो मां गंगा के दर्शन आप अपने कमरे की बालकनी से भी कर सकते हैं।