यूपी विधानसभा में योगी और अखिलेश की मुलाकात, सीएम ने कंधे पर रखा हाथ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद अब सियासी टिप्पड़ियों की तल्ख अंदाज उतार पर है और अब नेता विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे से गलबहियां करते हुए दिख रहे हैं। नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाया। इस दौरान सीएम योगी ने अखिलेश के कंधे पर हाथ भी रखा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण कराया जा रहा है। सबसे पहले सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली। उन्हें प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद जैसे ही सीएम योगी नीचे उतरे तो उनका सामना अखिलेश यादव से हो गया।
अखिलेश यादव को देखते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्कुराएं और दोनों ने हाथ मिलाया। इस दौरान सीएम योगी ने अखिलेश को बधाई देते हुए उनके कंधे पर हाथ रखा। इसके थोड़ी देर बाद अखिलेश ने विधानसभा के अंदर सभी विधायकों का अभिवादन किया। इसी दौरान अखिलेश ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से हाथ मिलाया और शपथ लेने पहुंचे।
अखिलेश यादव के बाद पूर्व मंत्री और बीजेपी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के प्रत्याशी सतीश महाना ने शपथ ली। इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, योगेंद्र उपाध्याय, नितिन अग्रवाल, अनिल राजभर, राकेश सचान समेत कई मंत्रियों और विधायकों ने शपथ ली।
सीएम योगी आदित्यनाथ के शपथ लेते सामान्य सदन में ‘जयश्रीराम’ के नारे लगे, जबकि अखिलेश के शपथ लेते समय सपा के विधायकों ने ‘जय समाजवाद और जय जवान-जय किसान’ के नारे लगाए। शपथ लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘केवल बेंच बदल गई है, मैं अब विपक्ष में बैठूंगा, सरकार की जवाबदेही के लिए विपक्ष काम करेगा और विपक्ष की भूमिका सकारात्मक होगी।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहली बार विधायक बने हैं। अखिलेश यादव, मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीते हैं जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से विधायक बने हैं। इससे पहले सीएम योगी विधान परिषद सदस्य थे, जबकि अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद थे।
अखिलेश यादव को हाल में ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने अपना नेता चुना है। इसके साथ ही वह विधान मंडल दल के नेता भी बने हैं। इस वजह से विधानसभा में अखिलेश यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। सोमवार को अखिलेश यादव विधानसभा के अंदर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठे नजर आएं।