उत्तर प्रदेश में छात्राओं का अटेंडेंस ऑडिट होगा, योगी सरकार ने बनाई योजना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ड्रॉप-आउट दर की जांच के लिए राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में छात्राओं के अटेंडेंस ऑडिट की योजना बनाई है। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्राओं के बीच ऑडिट किया जाएगा। राज्य बेसिक शिक्षा विभाग हर महीने के आखिरी शनिवार को आमतौर पर अनुपस्थित रहने वाली छात्राओं की पहचान करेगा। इसके बाद टीचर कारणों का पता लगाने के लिए छात्राओं के परिवार से मिलेंगे ताकि इन छात्राओं को वापस स्कूल लाया जा सके।
स्कूली शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि उनका विचार स्कूल में अनुपस्थित रहने वाली लड़कियों की संख्या को कम करने का है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अनुपस्थित रहने वाली छात्राओं की लिस्ट तैयार की जानी चाहिए। इसके बाद उनके परिजनों से संपर्क किया जाना चाहिए ताकि सभी छात्राओं को प्रतिदिन स्कूल वापस आने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
साथ ही लिखा शिक्षकों के द्वारा बैठकों के दौरान ऐसे परिजनों को सम्मान दिया जाना चाहिए जिनकी बेटियां हर रोज स्कूल आती हैं। यह भी फैसला लिया गया है कि हर शनिवार को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जीवन कौशल शिक्षा के तहत आयोजित सत्रों के दौरान, छात्रों को बाल अधिकारों, सुरक्षा, घरेलू हिंसा, बच्चों के खिलाफ हिंसा, यौन हिंसा, छेड़छाड़, अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। विशेष रूप से छात्राओं को हेल्पलाइन नंबर के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
हर महीने बालिका शिक्षा के महत्व पर माता-पिता की बैठकों में बच्चों के साथ चर्चा आयोजित की जानी चाहिए। वहीं शिक्षकों के द्वारा स्कूली बच्चों को कानूनी प्रावधानों जैसे शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो, बाल विवाह, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा आदि के बारे में भी जागरूक किया जाना चाहिए।
साथ ही स्कूली छात्राओं को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 1090, हेल्पलाइन नंबर 112 पर पुलिस से किसी भी तरह की प्रताड़ना की स्थिति में संपर्क करने और किसी भी तरह की पुलिस सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 की जानकारी दी जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षकों को छात्राओं के साथ मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन पर बातचीत करने के लिए कहा गया है।