योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब नहीं फैलेगी कोरोना महामारी, जाने क्या है तैयारी
यूपी में डोर-टू-डोर होगी मेडिकल स्क्रीनिंग
लखनऊ (राघवेन्द्र प्रताप सिंह): उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने में आम नागरिकों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। अत: नागरिकों को इस वायरस से बचाव हेतु विभिन्न प्रचार माध्यमों से जागरूक करने के निरन्तर प्रयास किये जायें।
उन्होंने कहा कि मजिस्टेट एवं पुलिस के वाहनों द्वारा व्यस्त चौराहों एवं बाजारों में पेट्रोलिंग कर सोशल डिस्टेसिंग तथा मास्क के प्रयोग का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाये। इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं और व्यापार मण्डलों का भी सहयोग लिया जाये तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश लोक भवन स्थित कार्यालय कक्ष के सभागार में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि मेरठ मण्डल में आगामी जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक विशेष कार्यक्रम के तहत डोर-टू-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग की जानी है। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग का कार्य निर्धारित समय में पूर्ण कराने हेतु आवश्यक रणनीति समय से तैयार कर ली जाये।
इस दौरान जनपदों में रैपिड रेस्पाँस टीम एवं एम्बुलेंस को तैयार रखा जाये, जिससे सूचना प्राप्त होते ही उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। मेडिकल स्क्रीनिंग के समय पल्स पोलियो अभियान की भांति घरों की मार्किंग भी की जाये। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर उसका पल्स ऑक्सीमीटर तथा रैपिड एन्टीजन टेस्ट कराया जाये।
संक्रमित होने की दशा में ऐसे व्यक्ति को तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाये। राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतते हुये आवागमन को रोका जाये तथा केवल आवश्यक सेवाओं एवं चिकित्सीय सुविधा हेतु ही टीमों को आने-जाने दिया जाये। जनपदों में अधिकतम संख्या में सैम्पल टेस्टिंग की जाये, ताकि संक्रमित व्यक्तियों की शीघ्रतापूर्वक पहचान कर आइसोलेट किया जा सके।
सर्विलांस टीम की दिन-प्रतिदिन की प्रगति की एप अथवा पोर्टल के माध्यम से नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था भी की जाये। उन्होंने प्रदेश में 20 हजार टेस्टिंग क्षमता को 30 जून तक 25 हजार करने के प्रयास सुनिश्चित किये जायें। यह भी कहा कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ चिकित्सालयों में आवश्यकतानुसार बेड, मैनपावर तथा आवश्यक उपकरणों की संख्या की वृद्धि के लिये भी निरन्तर प्रयास सुनिश्चित किये जायें।
मुख्य सचिव ने कहा कि कान्टैक्ट ट्रेसिंग के लिये आरोग्य सेतु एप एक सशक्त माध्यम है। इस एप के माध्यम अलर्ट जेनरेट होने पर इसका डाटा जिला प्रशासन तथा सी0एम0हेल्पलाइन से डाटा शेयर कर सम्बन्धित से फोन कॉल के माध्यम से स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियां प्राप्त की जायें। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों तथा अन्य प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में लक्षणरहित रोगियों का भार कम करने हेतु कोविड एल-1 हॉस्पिटल की संख्या बढ़ायी जाये, ताकि गंभीर प्रकृति के रोगियों के लिये इन संस्थानों में बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा सके।
राजेन्द्र कुमार तिवारी ने डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों तथा पुलिस बल को संक्रमण से सुरक्षित रखने हेतु सभी सावधानियां बरतने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों में साफ-सफाई तथा अन्य शिकायतें प्राप्त होने पर सम्बन्धित संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जाये। यह भी कहा कि इस वैश्विक महामारी के समय में सभी विभागों के अन्तर्गत अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी किया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी कार्यालयों, उद्योगों तथा ऐसे समस्त स्थानों पर जहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं, वहां कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के कार्य में तेजी लायी जाये। मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोविड के लक्षण पाये जाने पर तत्काल कण्ट्रोल रूम को सूचित किया जाये।
उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत चिन्हित 31 जनपदों के साथ-साथ अवशेष जनपदों में भी रोजगार के अवसर सृजित के प्रयास सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली गिरने तथा दैवीय आपदा में जनहानि को रोकने हेतु बरती जाने वाली सावधानियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, राहत आयुक्त संजय गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।