YUMMY गोलगप्पे का सच जान आपको भी हो जाएगी इनसे नफरत, जरुर पढ़े पूरी खबर
चटपटा और तीखा खाने के शौकीन अक्सर गोलगप्पे के दीवाने भी अवश्य होते है। देश हो या विदेश हर जगह में गली, दुकान और नुक्कड़ों पर गोलगप्पों की रेहड़ी देखकर सभी स्पाइसी गोलगप्पे का लुफ्त उठाने में मजबूर हो जाते है लेकिन कहीं स्वाद के चक्कर में आप अपनी सेहत से खिलवाड़ तो नही कर रहे हैं गोलगप्पे खाने से पहले आपको बस कुछ सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
पुदीने की जगह प्रयोग होता है टारटैरिक एसिड
दरअसल, गोलगप्पे में पुदीने की जगह एसेंस और खटाई की जगह टारटैरिक एसिड या फिर टायलेट क्लीनर (एसिड) तक घुला हो सकता है। इसलिए किसी विश्वास वाले ठेले या दुकान से ही गोलगप्पे का आनन्द लें, नही तो यह लापरवाही आपको डॉक्टर की महंगी फीस और दवाइयों के चक्कर में डाल सकती है |
गोलगप्पे का बिज़नस करने वाले कुछ लोग खुद बताते हैं कि महंगाई को देखते हुए कम लागत और कम वक्त में चटपटा और जायकेदार पानी बनाने के लिए बहुत से रेहड़ी और दुकान वाले फ्लेवर और केमिकल वाला फार्मूला अपनाते हैं | नीबू, पुदीना, काला नमक आदि से पानी बनाने के बाद उसमे हरे रंग (पुदीने का एसेंस),तेज मिर्च वाले पानी के लिए भी हल्के पीले रंग और फ्लेवर,पानी को चटपटा और जायकेदार बनाने के लिए भी सस्ते मसालों के साथ टारटैरिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है |
डॉक्टर्स का मानना है कि इस प्रकार के पानी के साथ गोलगप्पे खाने से डायरिया, डिहाइड्रेशन होने की आशंका रहती है। लंबे समय तक इनका सेवन करने से लीवर भी खराब हो सकता है। एसिडिटी और पाचन प्रक्रिया बिग़ड़ सकती है, पेट दर्द और आंतों में सूजन या छाले हो सकते हैं |
खाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
पुदीने वाले हरे पानी की टंकी की भीतरी सतह देखें | यदि यह अपना असली रंग छो़ड़ चुकी है तो हो सकता है कि पानी में लगातार एसिड का इस्तेमाल किया जा रहा हो |
खाने में प्रयोग की जाने वाली स्टील की प्लेट की भी जाँच की जा सकती है |इनका रंग परिवर्तन एसिड की उपस्थिति का संकेत माना जा सकता है |
पानीपुरी खाते ही यदि दांत पर कुछ जमने जैसा अनुभव तो यह माना जा सकता है कि इसमें केमिकल्स मिलाए गए होंगे |
टारटैरिक एसिड या एसीटिक एसिड व एसेंस से तैयार पानी पेट में पहुंचने के फौरन बाद जलन महसूस होने लगती है |
बेचने वाले की अंगुलियों को देखकर पानी का अंदाजा लगाया जा सकता है.