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क्रिकेट में तूफानी अंदाज दिखाने वाले Yusuf Pathan अब सियासी पिच पर दिखाएंगे दम

नई दिल्ली : क्रिकेट के मैदान से तूफानी अंदाज दिखाने वाले मशहूर क्रिकेटर यूसुफ पठान अब सियासत की पिच पर उतर आए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें बंगाल में बहरामपुर संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है। उन्हें पहली पारी में ही कड़ी चुनौती मिलेगी, क्योंकि इसी सीट से बंगाल में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी मैदान में हैं।

क्रिकेट के मैदान बाहर यूसुफ पठान (41) की महत्वाकांक्षाओं को उनकी चैरिटी और सामाजिक सक्रियता से सहज ही समझा जा सकता है। वडोदरा में वह अपने भाई और पूर्व क्रिकेटर इरफान के साथ कैप नाम से क्रिकेट अकादमी चलाने के साथ ही, गैर सरकारी संगठन यूथ अगेंस्ट रेप के प्रमुख प्रायोजक व समर्थक भी हैं। आईपीएल (IPL) में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम के साथ खेलते हुए वह ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी के संपर्क में आए। तूफानी छक्के लगाने वाले यूसुफ के नाम का एलान भी थ्रिलर फिल्मों के अंदाज में हुआ।

रविवार को अभिषेक और यूसुफ के बीच एक कार में करीब 4 मिनट बातचीत हुई। इसके बाद ममता ने उनके नाम का एलान किया। 52% मुस्लिम मतदाताओं वाली बहरामपुर सीट पर 1999 से कब्जा जमाए अधीर रंजन के सामने तृणमूल ने अपूर्वा सरकार (डेविड) की जगह पहली बार मुस्लिम चेहरा उतारा है।

यूसुफ के पिता महमूद पठान मस्जिद के मुअज्जिन थे। वे छोटे भाई इरफान के साथ गलियों में क्रिकेट खेलते बड़े हुए। वडोदरा में मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी के स्कूल में पढ़ाई की। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण 2007 के आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ हुआ। पठान गर्म मिजाज के लिए चर्चा में रहते हैं। 2022 में लीजेंड क्रिकेट लीग में महिला अंपायर से अभद्रता में फंसे। वर्ष 2014 में रणजी मैच के दौरान एक दर्शक से मारपीट भी की।

पठान रूढ़िवादी इस्लाम के समर्थक हैं। कर्नाटक में हिजाब विवाद के दौरान अपनी फिजियोथेरैपिस्ट पत्नी आफरीन का बुर्के और हिजाब में फोटो डालकर हिजाब प्रथा का समर्थन किया। 2018 में उन्हें डोपिंग का दोषी पाया गया और निलंबित हुए। 2014 में बीसीसीआई को जानकारी दिए बिना कुवैत में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ मैच खेलते नजर आए।

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