अंटार्कटिका में विशाल हिमचट्टान का बड़ा हिस्सा टूटकर हुआ अलग, पर्यावरण पर पड़ सकता है इसका असर
अंटार्कटिका में एक बड़ी अजीब प्राकृतिक घटना में विशाल हिमचट्टान( आइसबर्ग ) लार्सेन सी का एक बहुत बड़ा हिस्सा टूट कर अलग हो गया है.हिमचट्टान से अलग हुआ अब तक का यह सबसे बड़ा खंड बताया जा रहा है.इस घटना का दुनिया के पर्यावरण पर असर पड़ सकता है.
उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के अनुसार यह हिमखंड 10 से 12 जुलाई के बीच टूटकर अलग हुआ है.इसका नाम ए68 रखा जा सकता है .बता दें कि 5800 वर्ग किलोमीटर का यह टुकड़ा राजधानी दिल्ली के आकार से 4 गुना तो गोवा से डेढ़ गुना बड़ा है.इससे अलग हुए हिमखंड का वजन खरबों टन है.
इस घटना का दुनिया के पर्यावरण पर असर पड़ सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार इस हिमखंड के अलग होने से वैश्विक समुद्री स्तर में 10 सेमी. की वृद्धि हो जाएगी. साथ ही इस महाद्वीप के पास से होकर जाने वाले जहाजों को भी परेशानी आएगी.इससे लार्सेन सी हिमचट्टान का फैलाव 12 प्रतिशत तक कम हो जाएगा. स्मरण रहे कि लार्सेन ए और बी हिमचट्टानें पहले ही ढह चुकी हैं.
बता दें कि वैज्ञानिक इस हिमखंड के अलग होने का कारण कार्बन उत्सर्जन को बता रहे हैं. उनके अनुसार कार्बन उत्सर्जन से वैश्विक तापमान बढ़ रहा है जिससे ग्लेशियर जल्दी पिघल रहे हैं.हालाँकि अरब सागर पर इसका प्रभाव जल्द नहीं दिखेगा. लंबे समय बाद इसका असर हो सकता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह हिमखंड कम समय में तेजी से नहीं बढ़ेगा. लेकिन इस पर निगरानी रखना होगी. इसके टुकड़े भी हो सकते हैं या इसके एक ही टुकड़े में भी रहने की भी सम्भावना है.