दीनानगर/पठानकोट: दीनानगर आतंकी हमले में शहादत का जाम पीने वाले गांव सैदीपुर के कांस्टेबल बोध राज ने सबसे पहले आतंकी हमले का मुंंहतोड़ जवाब देते हुए शहीदी प्राप्त की। शहीद बोध राज का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया। शहीद के 10 वर्षीय बेटे तरुणदीप ने अपने शहीद पिता के चिता को मुखाग्नि दी व पंजाब पुलिस के जवानों ने बैंड की मातमी धुन व हवा में गोलियां दागकर अंतिम सलामी दी। इससे पहले जब शहीद बोध राज की तिरंगे में लिपटी पाॢथव देह गांव पहुंची तो हर आंख नम व माहौल गमगीन हो उठा। शहीद की पत्नी सुदेश कुमारी व बच्चों की चीखें पत्थरों का भी कलेजा चीर रही थी वहीं ‘शहीद बोध राज अमर रहे’ के गगनभेदी नारों से आसमान गुंजायमान हो उठा। शहीद को श्रद्धांजलि अॢपत करने वालों में होमगार्ड के डी.आई.जी. बी.एस. टाइगर, आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी संजय सिंह, कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर, ए.डी.सी. रूपांजलि काॢथक, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुं. आर.एस. विक्की, एन.पी. सिंह, चै. राम लाल, एस.पी. तरुणवीर सिंह, एस.पी. जसकरण सिंह, जिला परिषद के चेयरमैन गोवर्धन गोपाल, सरपंच सुमीर सिंह, शहीद के भाई राजकुमार उपस्थित थे।
‘आई एम प्राऊड ऑफ माई पापा’
शहीद कांस्टेबल बोध राज की अंत्येष्टि के समय उस समय रुदन और गहरा गया जब शहीद की बेटी निशा ने आंसुओं से लबालब अपने चेहरे को पोंछते हुए गगनभेदी लहजे में कहा ‘आई एम प्राऊड ऑफ माई पापा’। यह एक होनहार बेटी का अपने शहीद पिता को उसकी शहादत पर अंतिम सलाम था। शहीद की बेटी ने सख्त लहजे में अपने पिता की अंत्येष्टि पर कहा, ‘‘मेरे अंदर अपने पिता के आजीवन बिछोड़े का समुद्र हिलोरे खा रहा है परन्तु मुझे अपने पिता की शहादत पर गर्व भी है। मेरे कंधों पर जिम्मेदारी का जो बोझ मेरे पिता डाल गए उसे बखूबी निभाऊंगी तथा अपने परिवार को एक बेटे की भांति संभालूंगी।