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अंतिम सांस तक देश के लिए लड़ा इटावा का लाल, शहीद को सेना का सलाम
ETAWAH: बारामुला में रविवार की रात सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमले को नाकाम बनाते शहीद हुए बीएसएफ जवान नितिन को सोमवार को बीएसएफ और राज्य पुलिस के अधिकारियों व जवानों ने श्रद्धांजलि दी।
शहीद नितिन का शव बारामुला से श्रीनगर एयरपोर्ट के पास स्थित बीएसएफ के सब ट्रेनिंग सेंटर हुमहामा में लाया गया। तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर पर बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक अरुण कुमार, राज्य पुलिस के विशेष महानिदेशक समन्वय एवं कानून व्यवस्था डॉ. एसपी वैद, मंडलायुक्त बसीर अहमद खान तथा बीएसएफ और राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों व जवानों ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्घांजलि दी। श्रद्घांजलि समारोह के बाद शहीद का पार्थिव शरीर सम्मान के साथ उत्तर प्रदेश के चाबिया, इटावा में उनके परिजनों के पास भेजा गया।
नितिन ने दिया मुंहतोड़ जवाब
46 आरआर के शिविर पर रविवार की रात आतंकियों ने हमले का मंसूबा बनाया था, लेकिन बीएसएफ के बहादुर कांस्टेबल नितिन ने जान देकर आतंकियों को भागने पर मजबूर कर दिया। घायल होने के बावजूद वे मोर्चे पर डटे रहे। इस दौरान अत्यधिक खून बह गया और जब अस्पताल पहुंचाया गया तो वे वीरगति को प्राप्त हो चुके थे।
बाहर आकर ललकारा
शिविर के पिछली तरफ जहां ई कंपनी का एक मोर्चा है, उसके सामने कुछ संदिग्ध तत्व थे। मोर्चे पर तैनात नितिन और वरुण कुमार ने बंकर से बाहर आकर उन्हें ललकारा। जवाब में आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंका और उसके बाद स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। वरुण और नितिन ने भी पोजीशन लेते हुए जवाबी फायर किया। ग्रेनेड धमाके में नितिन गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन वह नहीं हटे। उसने आतंकियों को मुठभेड़ में उलझाए रखते हुए फायरिंग जारी रखी।