अखिलेश कैबिनेट के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा
दस्तक टाइम्स/एजेंसी:
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने चार दिन के इंतजार के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सिफारिश पर आज नये मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री रहे अहमद हसन को बेसिक शिक्षा मंत्री बनाया गया है जबकि आश्चर्यजनक रूप से मंत्रिपरिषद में शामिल बलवंत सिंह रामूवालिया को कारागार विभाग सौंपा गया है।
स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री ने फिलहाल अपने पास रखा है। यासर शाह नये परिवहन राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: बनाये गये हैं। दुर्गा प्रसाद यादव नये वन मंत्री हैं। ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी को खादी एवं ग्रामोद्योग, इकबाल महमूद को खाद्य एवं औषधि प्रशासन, महबूब अली को रेशम एवं वस्त्र उद्योग, कमाल अख्तर को खाद्य एवं रसद, साहब सिंह सैनी को पिछडा वर्ग कल्याण एवं विकलांग जन विकास विभाग दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में इलियाज अहमद को मत्स्य एवं सार्वजनिक उद्यम, फरीद महफूज किदवई को प्राविधिक शिक्षा, मूलचंद चौहान को उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, राम सकल गुर्जर को खेल एवं युवा कल्याण, नितिन अग्रवाल को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग दिया गया है।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में ही मदन चौहान को मनोरंजन कर और सैयदा शादाब फातिमा को महिला कल्याण विभाग सौंपा गया है। प्रवक्ता के मुताबिक राज्य मंत्रियों में वसीम अहमद को बाल विकास, पुष्टाहार, बेसिक शिक्षा एवं उर्जा विभाग मिला है जबकि शिव प्रताप यादव को जन्तु उद्यान एवं चिकित्सा तथा स्वास्थ्य, राधे श्याम सिंह को कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग विभाग मिले हैं।
उन्होंने बताया कि शैलेन्द्र यादव ललई नियोजन एवं उर्जा, ओंकार सिंह यादव ग्राम्य विकास, तेज नारायण पाण्डेय उर्फ पवन पाण्डेय वन, सुधीर कुमार रावत आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, हेमराज वर्मा खाद्य तथा रसद, लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद खाद्य एवं रसद तथा वंशीधर बौद्ध समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, सैनिक कल्याण राज्य मंत्री होंगे।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए छवि दुरूस्त करने की कवायद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 29 अक्तूबर को आठ मंत्रियों को बख्रास्त कर दिया था और नौ अन्य के विभाग छीन लिये थे। हटाये गये मंत्रियों में पांच कैबिनेट मंत्री और तीन राज्य मंत्री थे। मंत्रिपरिषद से हटाये गये कैबिनेट मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह (स्टाम्प तथा न्याय शुल्क, पंजीयन एवं नागरिक सुरक्षा), अंबिका चौधरी (पिछडा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण), शिव कुमार बेरिया (वस्त्र एवं रेशम उद्योग), नारद राय (खादी एवं ग्रामोद्योग), शिवाकांत ओझा (प्राविधिक शिक्षा मंत्री) थे। जिन राज्य मंत्रियों को हटाया गया था, वे आलोक कुमार शाक्य (प्राविधिक शिक्षा), योगेश प्रताप सिंह ‘योगेश भइया’ (बेसिक शिक्षा) और भगवत शरण गंगवार (सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन, स्वतंत्र प्रभार) हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश ने 31 अक्टूबर को अपने मंत्रिपरिषद का चौथा विस्तार किया। इसमें 21 मंत्रियों को शामिल किया गया। बारह चेहरे नये थे। सबसे चौंकाने वाला चेहरा रामूवालिया था, जो पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के नेता थे। जिन नये चेहरों को मंत्रिपरिषद में जगह मिली, उनमें सैनी, शादाब फातिमा, मदन चौहान, राधेश्याम सिंह, शैलेन्द्र यादव ललई, ओंकार सिंह, पवन पाण्डेय, सुधीर कुमार रात, हेमराज वर्मा, लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद और बौद्ध शामिल थे।