अगर आप से भी जाने-अनजाने में हुआ है कोई महापाप तो आज ही करे ये छोटा-सा उपाय !
इंसान की जिंदगी बहुत ही लम्बी होती है। और श्रीमद्भागवत जी के षष्टम स्कन्ध में महाराज परीक्षित ने शुकदेव जी से सवाल किया था कि जो पाप हमसे अनजाने में हो जाते हैं तो उस पाप से मुक्ति का क्या उपाय है। क्योकि इस दुनिया में अनजाने में कुछ न कुछ पाप तो हो ही जाता है। इसके उत्तर में आचार्य शुकदेव जी ने महाराज परीक्षित को उत्तर देते हुए कहा कि अगर आप ऐसे पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं। तो प्रतिदिन 5 प्रकार के काम करने चाहिए। तो आइये जानते है इन कामों के बारे में…..
# रोजाना गऊ को एक रोटी दान करनी चाहिए। जब भी घर में रोटी बने तो पहली रोटी गऊ ग्रास के लिए निकाल देना चाहिए।
# प्रतिदिन वृक्षों की जड़ों के पास चींटियों को 10 ग्राम आटा डालना चाहिए।
# पक्षियों को अन्न रोज डालना चाहिए।
# आटे की गोली बनाकर रोज जलाशय में मछलियो को डालनी चाहिए।
# भोजन बनाकर अग्नि को भोजन अर्पित करना, यानी रोटी बनाकर उसके टुकड़े करके उसमें घी-चीनी मिलाकर अग्नि को भोग लगाएं।
# भिखारी को जूठा अन्न भिक्षा में न दें।
# हमेशा अतिथि का खूब सत्कार करें।