अगर ऐसा हुआ तो 27 फीसदी बढ़ सकती है भारत की राष्ट्रीय आय
भारत की राष्ट्रीय आय में 27 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो सकती है यदि यहां के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पुरूषों के स्तर के बराबर हो जाए। यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लगार्दे ने कही है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर यदि महिलाएं भी पुरूष के बराबर कार्यबल में हिस्सेदारी करेंगी तो अमेरिका की राष्ट्रीय आय में पांच प्रतिशत, जापान में नौ प्रतिशत और भारत में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी।
लॉस एंजिलिस में सोमवार को वीमेंस एंपावरमेंट: एन इकोनॉमिक गेम चेंजर में अपने वक्तव्य में क्रिस्टीन ने कहा कि महिलाओं के लिए बेहतर आर्थिक अवसर और समान मेहनताने से बेहतर आर्थिक वद्धि होगी। क्रिस्टीन ने कहा, महिलाओं का सशक्तिकरण किसी भी देश के लिए आर्थिक तौर पर स्थितियां बदलने वाला हो सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए बेहतर अवसरों से विविधता को बढ़ावा मिलेगा और विश्वभर में आर्थिक असमानता में भी कमी आएगी।
ग्लोबल मैकेंजी इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार कामकाजी क्षेत्र में लैंगिक समानता के मामले में भारत अपने कई पड़ोसी देशों से भी पीछे है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिलाओं की आबादी 60 करोड़ से ज्यादा है। लेकिन देश के श्रम शक्ति में उनकी हिस्सेदारी केवल 27 फीसदी है जबकि वैश्विक स्तर पर ये औसत 40 फीसदी से ज्यादा है। इसी रिपोर्ट के अनुसार अगर पुरुष भी घर में महिलाओं के काम में हाथ बंटाना शुरू करे दें तो महिलाओं के पास काम करने के लिए ज्यादा मौके होंगे। इसका असर जीडीपी पर भी पड़ेगा।
पिछले दशक में घटा कामकाजी महिलाओं का अनुपात
भारत में शहरी क्षेत्रों की तुलना में कामकाजी महिलाओं की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है। पिछले साल आई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले सालों में भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या घटी है। एसोचैम की एक रिपोर्ट के अनुसार ने 2005 से 2014 के बीच महिलाओं के अनुपात में दस फीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान महिलाओं का अनुपात 37 से घटकर 27 फीसदी पर आ गया।