नई दिल्ली : कल हमारे पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने भारत की पहली बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखी। सुनने में आ रहा है कि बुलेट ट्रेन 2022 तक चलेगी। सही बात है पक्का कह नहीं सकते क्यों कि भारत में कोई प्रोजेक्ट ऐसा नहीं है तो तय समय पर पूरा हो गया हो।
खैर बुलेट ट्रेन जब चलेगी तब चलेगी लेकिन एक सवाल है जो मन को कौंध रहा है, अगर बुलेट ट्रेन पटरी से उतरी तो क्या होगा। अब बुलेट ट्रेन की गोली जैसी रफ्तार और उसका पटरी से उतरना, सोचकर ही मन कांप उठता है। भगवान करे ऐसा ना हो लेकिन जब राजधानी जैसी सुपर ट्रेन डीरेल हो जाती है तो बुलेट ट्रेन की खेत की मूली है।
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जापान से आ रही ये ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद तक चलेगी, हां वही मोदी भाई के गुजरात का अहमदाबाद। अटल जी ने तो सबसे पहले मेट्रो दिल्ली में चलवाई थी, ग्वालियर में नहीं।
अब बात मुद्दे की, बुलेट ट्रेन की रफ्तार और हमारे भारत की पटरियां पता नहीं कैसा तालमेल बैठेगा। सोचिए अगर एक बार भी बुलेट ट्रेन पटरी से उतरी तो क्या होगा। हमारे देश में एक एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद चारों और लाशें ही लाशें नजर आती हैं, अगर बुलेट पटरी से उतरी तो क्या होगा। अगर ऐसा हुआ तो देश इस भयानक मंजर को कभी भुला नहीं पाएगा।
अब आपको बताता हूं कि जब एक बुलेट बेपटरी होती है तो क्या होता है। अब तक जिन हादसों की रिपोर्ट मेरे पास है उसमें सबसे भीषण हादसा स्पेन, जर्मनी और चीन में हुए हैं। सबसे पहला हादसा जर्मनी में हुआ था, सन् 1998 में। इस हादसे में 110 लोगों की मौत हुए थी और सैंकड़ों घायल हुए थे।
ऊपर से ट्रेन का कचूमर बना वो अलग। फिर 2011 का चीन हादसा, बुलेट ट्रेन पटरी से उतरी और उसमें 40 लोगों की जान गई। सबसे भीषण हादसा हुआ था स्पेन में, तेज रफ्तार से आती हुई बुलेट ट्रेन बुरी तरह पलटी और 180 से ज्यादा लोग मौके पर ही मर गए।
अब सवाल उठता है जब जर्मनी, चीन और स्पेन जैसे हाइटेक देश बुलेट की रफ्तार को नहीं संभाल पाए तो लोकल ट्रेन भी नहीं संभाल पाने वाले हमारे अधिकारी इसे कैसे संभालेंगे। अगर एक भी ट्रेन पटरी से उतरी तो भारत पर बड़ा कलंक लग जाएगा। अब ये मोदी सरकार को देखना है कि क्या ऐसी तैयारी की जाए कि कम से कम बुलेट तो पटरी से ना उतरे।