‘अगर मोदी बने प्रधानमंत्री तो बढ़ेगा विदेशी निवेश’
नई दिल्ली । यूरोप-भारत उद्योग संघ के प्रमुख का कहना है कि आम चुनाव के बाद यदि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्थिर सरकार बनती है तो भारत में विदेशी पूंजी का प्रवाह तेज हो सकता है। मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं और पार्टी ने उन्हें अगले प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है। भारतीय संविधान के प्रावधानों का ध्यान रखते हुए किसी अन्य दल ने ऐसा नहीं किया है। ब्रसेल्स स्थित यूरोप भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (ईआईसीसी) के महासचिव सुनील प्रसाद ने कहा कि भारत में अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है इसलिए हाल में विकास दर घटने के बाद भी यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्से के निवेशक भारत को लेकर अधिक आशान्वित हैं।नई दिल्ली की यात्रा पर आए प्रसाद ने आईएएनएस से कहा ‘‘नरेंद्र मोदी नासमझ व्यक्ति नहीं हैं। उद्योग जगत को उम्मीद है कि यदि वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो चीजें तेजी से बदलेंगी।’’ प्रसाद भारत में यूरोपीय निवेश पर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए नई दिल्ली आए थे। उन्होंने कहा ‘‘देश में पूंजी का प्रवाह बढ़ाना नई सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि यह विकास दर और रोजगार बढ़ाने के लिए जरूरी है।’’ प्रसाद ने कहा ‘‘सिर्फ एफडीआई ही नहीं समग्र निवेश बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। घरेलू निवेश बढ़ाने के लिए काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।’’ केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के मुताबिक देश की विकास दर 2०12-13 में घटकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई थी। यह 2००2-०3 के बाद सबसे बुरा प्रदर्शन था। 2०13-14 में विकास दर के 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है।प्रसाद ने कहा कि विकास दर कम रहने से निवेशकों का मनोबल प्रभावित तो होता है लेकिन भ्रष्टाचार और नीति अधिक बड़े मुद्दे हैं।बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई नीति को पलटने की भाजपा की घोषणा के बारे में प्रसाद ने हालांकि कहा ‘‘निवेशकों को नीति में सतता की उम्मीद है। नीति को पलटने का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार बहु-ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को अनुमति दे चुकी है। यह घोषणा सितंबर 2०12 में हुई थी लेकिन अब तक कोई विदेशी निवेश नहीं हुआ है।भाजपा ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह खुदरा बाजार में एफडीआई को अनुमति नहीं देगी।