अगर शादी से पहले बना रहे हैं संबंध तो हर लड़का-लड़की तो जरुर ध्यान रखें ये बातें
आजकल लगभग सभी समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में पाठकों की समस्याओं वाले स्तंभ में युवकयुवतियों के पत्र छपते हैं, जिस में वे विवाहपूर्व शारी’रिक संबंध बना लेने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान पूछते हैं। विवाहपूर्व प्रेम करना या स्वेच्छा से शारी’रिक संबंध बनाना कोई अप’राध नहीं है, मगर इस से उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विचार अवश्य करना चाहिए।
इन बातों पर युवकों से ज्यादा युवतियों को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े : विवाहपूर्व शारी’रिक संबंध भले ही कानूनन अपराध न हो, मगर आज भी ऐसे संबंधों को सामाजिक मान्यता नहीं है। विशेष कर यदि किसी लड़की के बारे में समाज को यह पता चल जाए कि उस के विवाहपूर्व शारी’रिक संबंध हैं तो समाज उस के माथे पर बदचलन का टीका लगा देता है, साथ ही गलीमहल्ले के आवारा लड़के लड़की का न सिर्फ जीना दूभर कर देते हैं, बल्कि खुद भी उस से अवै’ध संबंध बनाने की कोशिश करते हैं।
युवती के मांबाप और भाइयों को इन संबंधों का पता चलने पर घोर मानसिक आश्घात लगता है। वृद्ध मातापिता कई बार इस की वजह से बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें दिल का दौरा तक पड़ जाता है। लड़की के भाइयों द्वारा प्रेमी के साथ मा’रपीट और यहां तक कि प्रेमी की जान लेने के समाचार लगभग रोज ही सुर्खियों में रहते हैं। युवकों को तो अकसर मांबाप समझा कर सुधरने की हिदायत देते हैं, मगर लड़की के प्रति घर वालों का व्यवहार कई बार बड़ा क्रू’र हो जाता है। प्रेमी के साथ मारपी’ट के कारण लड़की के परिवार को पुलिस और कानूनी कार्यवाही तक का सामना करना पड़ता है। अधिकतर युवतियों की समस्या रहती है कि उन्हें शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो गया है व उन्होंने उस से शारी’रिक संबंध भी कायम कर लिए हैं। शादीशुदा व्यक्ति आश्वासन देता है कि वह जल्दी ही अपनी पहली पत्नी से तलाक ले कर युवती से शादी कर लेगा, मगर वर्षों बीत जाने पर भी वह व्यक्ति युवती से या तो शादी नहीं करता या धीरेधीरे किनारा कर लेता है। ऐसे किस्से आजकल आम हो गए हैं।
इस तरह के हा’दसों के बाद युवतियां डिप्रेशन में आ जाती हैं व नौकरी छोड़ देती हैं। इस से उबरने में उन्हें वर्षों लग जाते हैं। कई बार युवक पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी कर लेते हैं। मगर याद रखें, ऐसी शादी को कानूनी मान्यता नहीं है और बाद में बच्चों के अधिकार के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है जिस का फैसला युवती के पक्ष में आएगा, इस की संभावना बहुत कम रहती है। शारी’रिक संबंध होने पर गर्भधारण एक सामान्य बात है। विवाहित युवती द्वारा गर्भधारण करने पर दोनों परिवारों में खुशियां मनाई जाती हैं वहीं अविवाहित युवती द्वारा गर्भधारण उस की बदनामी के साथसाथ मौ’त का कारण भी बनता है।
अभी हाल ही में एक परिचित के किराएदार के घर उन के भाई की लड़की गांव से 11वीं कक्षा में पढ़ने के लिए आई। अचानक एक शाम उस ने ट्रेन से क’ट कर अपनी जान दे दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि लड़की ग’र्भवती थी। उसे एक अन्य धर्म के लड़के से प्यार हो गया और दोनों ने शारी’रिक संबंध कायम कर लिए, मगर जब लड़के को लड़की के ग’र्भवती होने का पता चला तो वह युवती को छोड़ कर भाग गया। अब युवती ने आत्मह’त्या का रास्ता चुन लिया। ऐसे मामलों में अधिकतर युवतियां गर्भपा’त का रास्ता अपनाती हैं, लेकिन कोई भी योग्य चिकित्सक पहली बार गर्भधारण को गर्भपा’त कराने की सलाह नहीं देगा।
अधिकतर अविवाहित युवतियां गर्भपा’त चोरी छिपे किसी घटिया अस्पताल या क्लिनिक में नौसिखिया चिकित्सकों से करवाती हैं, जिस में गर्भपा’त के बाद संक्रमण और कई अन्य समस्याओं की आशंका बनी रहती है। दोबारा गर्भधारण में भी कठिनाई हो सकती है। अनाड़ी चिकित्सक द्वारा गर्भपात करने से जान तक जाने का खतरा रहता है।
युवती का विवाह यदि प्रेमी से हो जाता है तब तो विवाहोपरांत जीवन ठीकठाक चलता है, मगर किसी और से शादी होने पर यदि भविष्य में पति को किसी तरह से पत्नी के विवाहपूर्व संबंधों की जानकारी हो गई तो वैवाहिक जीवन न सिर्फ तबाह हो सकता है, बल्कि तलाक तक की नौबत आ सकती है। विवाहपूर्व शारी’रिक संबंधों में मुख्य खतरा यौ’न रोगों का रहता है। कई बार ए’ड्स जैसा जानलेवा रोग भी हो जाता है। खास बात यह है कि इस रोग के लक्षण काफी समय तक दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बाद में यह रोग उन के पति और होने वाले बच्चे को हो जाता है। प्रेमी और उस के दोस्तों द्वारा ब्लैकमेल की घटनाएं भी अकसर होती रहती हैं। उन के द्वारा शारीरिक यौ’न शोषण व अन्य तरह के शोषण की आशंकाएं हमेशा बनी रहती हैं।
युवती का विवाह यदि अन्यत्र हो जाता है और वैवाहिक जीवन ठीकठाक चलता रहता है, घर में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन यदि भविष्य में बच्चों को अपनी मां के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों के बारे में पता चले तो उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचेगा, खासकर तब जब बच्चे टीनएज में हों। मां के प्रति उन के मन में घृणा व उन के बौद्धिक विकास पर भी इस का असर पड़ता है।
इन संबंधों के कारण कई बार पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक विवाद व ल’ड़ाईझ’गड़े भी हो जाते हैं, जिन में युवकयुवती के अलावा कई और लोगों की जानें जाती हैं। इस के बावजूद यदि युवकयुवती शारी’रिक संबंध बना लेने का निर्णय कर ही लेते हैं, तो गर्भनिरोधक विशेषकर कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, क्योंकि इस से गर्भधारण व यौ’न संक्रमण का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है। आर्टिकल पसंद आया तो शेयर जरूर करें।