उत्तर प्रदेश

अन्तर्राज्यीय ग्वाला गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में सक्रिय, बैंकों के बाहर साथियों की मदद से करता था लूट
लखनऊ। कृष्णानगर पुलिस ने अन्तर्राज्जीय ग्वाला गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने दो साथियों की मदद से कृष्णानगर और हजरतगंज में लाखों रुपये की लूट की थी। पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी में ग्वाला गैंग का सक्रिय सदस्य है। वहीं इसके साथ घटना में शामिल दो सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। इंस्पेक्टर कृष्णानगर विकास कुमार पाण्डेय ने बताया कि पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी, फाटापुकूर, झांझूपारा निवासी मोण्टी ग्वाला को गिरफ्तार किया गया है। वहीं इनके साथी बिहार के कटिहार निवासी राजकपूर यादव उर्फ राजू उर्फ पूजन ग्वाला और पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी फाटा पूकुर झांझूपारा राजगंज निवासी सतीश ग्वाल अभी फरार है। गिरफ्तार आरोपी के पास से दस हजार रुपये बरामद हुए हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपियों ने कृष्णागनर में बाराबरिवा के पास आठ जून को एक कारोबारी से पांच लाख रुपये लूट लिये थे। वहीं इसी दिन हजरतगंज में बैंग से एक लाख 60 हजार रुपये निकालकर जा रहे एक कारोबारी से लूटकर फरार हो गये थे। पुलिस ने बैंकों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो आरोपियों की शिनाख्त हुई। इस पर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी और बिहार गई थी। पुलिस टीम ने शिनाख्त कर मोण्टी ग्वाला को दबोच लिया। आरोपी ने बताया कि उसने अपने साथी राजकपूर यादव उर्फ पूजन ग्वाला व पश्चिम बंगाल राजगंज निवासी सतीश ग्वाला के साथ लूट की वारदात की है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपियों का एक संगठित गिरोह है, जो कि विभिन्न राज्यों में सक्रिय होकर लूट करता है। उन्होंने बताया कि आरोपी वारदात के लिए पूर्व में शहर चुन लेते हैं, जिसके बाद शहर में बैंक के आस-पास फर्जी आईडी के बल पर होटल या धर्मशालाओं में रूक जाते थे, जिसके बाद होटल में रहकर रेकी करते थे। इस दौरान वह वहां के आस-पास में स्थित बैंकों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेते थे, जिसके बाद आरोपी लूटकर वहां से भाग जाते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी वारदात के बाद अपने साथी को लूटे हुए रकम को सौंप देते थे। आरोपी को आशंका रहती थी कि कहीं चेकिंग में पुलिस उनको दबोच न ले, जिसके कारण वह अपने साथी को रुपये सौंप देते थे। इसके साथ ही घटना से पूर्व आरोपी फर्जी तरीके से सिम खरीद लेते थे। वारदात के बाद आरोपी उक्त सिम को भेज देते थे।

 

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