अफगान शांति वार्ता रद्द करने से भड़का तालिबान, बोला- अब ज्यादा अमेरिकी मरेंगे
अफगान शांति वार्ता को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रद्द किए जाने के बाद भड़के तालिबान ने अमेरिका को धमकी दी है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि शांति वार्ता के विफल होने से अब ज्यादा अमेरिकी लोगों की जानें जाएंगी। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने शांति वार्ता को बंद करने के लिए ट्रंप की आलोचना की और कहा कि इससे अमेरिका को और नुकसान होगा। जिस वक्त डोनाल्ड ट्रंप हमले की दुहाई दे रहे हैं, उसी वक्त अमेरिकी सेना भी अफगानिस्तान में लगातार बम बरसा रही है।
जबीहुल्लाह ने कहा कि इस कदम से अमेरिका की दुनिया में विश्वसनीयता प्रभावित होगी, उसका शांति विरोधी रूख दुनिया के सामने आएगा और जान-माल का नुकसान बढ़ेगा।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा था कि तालिबान और अफगानिस्तान के नेताओं के साथ कैम्प डेविड में होने वाली गोपनीय बैठक रद्द कर दी गई है। काबुल में पिछले सप्ताह हुई बमबारी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
ट्रम्प ने कहा था कि उन्हें रविवार को कैम्प डेविड में दो पक्षों के साथ अलग-अलग वार्ता करनी थी, लेकिन तालिबान के लगातार हिंसात्मक कृत्यों ने उसे विश्वास ना करने योग्य बना दिया।
अमेरिका और तालिबान के बीच खुले हैं बातचीत के दरवाजे: पोम्पिओ
अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व के लिए अमेरिका और तालिबानी नेताओं के साथ होने वाली गोपनीय बैठक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा रद्द किए जाने के बावजूद दोनों के बीच बातचीत के दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं।
विदेश मंत्री माइक पाम्पिओ ने कई साक्षात्कारों में इस बात के संकेत दिए कि अमेरिका और तालिबानी नेताओं के बीच बातचीत दोबारा हो सकती है लेकिन इसके लिए अमेरिका, तालिबान से प्रतिबद्धता चाहता है।
पोम्पिओ ने कहा कि मैं निराशावादी नहीं हूं। मैंने तालिबान को वे कहते और करते देखा है जो उन्हें पहले करने की अनुमति नहीं थी। मैं उम्मीद करता हूं कि इस मामले पर तालिबान अपने बर्ताव में परिवर्तन लाएगा और उन बातों पर दोबारा प्रतिबद्धता जताएगा जिन पर हम कई महीनों से बात कर रहे थे। अंत में इसका समाधान कई चरण की बातचीत से ही होगा।
उन्होंने कहा कि वह तालिबान से अफगानिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार से बातचीत ना करने के हठ को छोड़ने की अपील भी करते हैं।