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अब देशभर में रेलवे स्टेशनों पर सिर्फ रेल नीर ही मिलेगा: बॉम्बे हाईकोर्ट
मुंबई. देशभर के रेलवे स्टेशनों पर अब सिर्फ रेल नीर बोतल बंद पानी ही बिकेगा। रेलवे के इस फैसले के खिलाफ दायर इंडियन रेलवे कैटरर एसोसिएशन की याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। दरअसल, रेलवे ने 11 मार्च 2003 को सुर्कलर जारी किया था। इसमें प्लेटफार्म व स्टाल पर पेयजल के रूप में सिर्फ रेल नीर बेचने की अनुमति है और अन्य ब्रांडों पर पाबंदी लगाई गई है। एसोसिएशन ने इसी सर्कुलर को चुनौती दी थी। जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस बीपी कुलाबावाला की बेंच ने साफ किया कि यात्रियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्लेटफार्म व स्टाल में सिर्फ रेल नीर बेचने का ही बिकल्प रखा गया है।
यह बंदिश न तो मनमानी पूर्ण है और न ही भेदभावपूर्ण। किसी उपभोक्ता ने भी इसको लेकर शिकायत नहीं की है। इसलिए हम कारोबारियों की इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते हैं कि रेल नीर से लोगों को विकल्प का अभाव हो गया है। सालिसिटर जनरल ने कहा कि आईआरसीटीसी ने उत्तर रेलवे व उत्तर-पश्चिम रेलवे तथा झांसी विभाग में रेल नीर बेचने की शुरुआत भी कर दी है।
इस संबंध में रेलवे की स्पष्ट नीति है। इसको लेकर समय-समय पर सर्कुलर भी जारी किए गए हैं। इसे कई चरणों में लागू किया जाएगा। वहीं एसोसिएशन के वकील ने कहा कि रेलवे ने सिर्फ रेल नीर बेचने की बंदिश लगाकर एकाधिकार जामने की कोशिश की है। आईआरसीटीसी से हमें बोतलबंद पानी का एक कार्टून 120 रुपए से 126 रुपमें मिलता है जबकि निजी कारोबारियों से हमे यह कार्टून 90 रुपए में मिलता है। लिहाजा रेलवे की ओर से रल नीर बेचने की लगाई गई बंदिश मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।