अब नहीं बचेगा पाकिस्तान, आतंकवाद के खिलाफ पीएम मोदी के साथ आया ये मुस्लिम देश
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और ताजिकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे की मदद करेंगे और ईरान में चाबहार बंदरगाह से व्यापारिक और परिवहन संपर्क विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। मोदी और राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के नेतृत्व में यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने (मोदी) कहा, “भारत और ताजिकिस्तान एक विस्तृत पड़ोस में रहते हैं जो लगातार कई तरह की सुरक्षा चुनौतियों और खतरों का सामना करते हैं।
आतंकवाद के खिलाफ ताजिकिस्तान और भारत मिलकर लड़ेंगे लड़ाई
पाकिस्तान का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा, “आतंकवाद से खतरा न केवल हम दो देशों को है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र पर हिंसा और अस्थिरता की लंबी साया डालती है।” मोदी ने कहा, “इसलिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ना हमारी सहकारी वचनबद्धता का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है। हम मध्य एशियाई क्षेत्र में अतिवादी, कट्टरवादी और आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एक आधार के रूप में ताजिकिस्तान की भूमिका की सराहना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “परस्पर सहमत प्राथमिकताओं के आधार पर राष्ट्रपति रहमोन और मैं आज इस मोर्चे पर मजबूती से कार्रवाई करने को राजी हैं।” मोदी और रहमोन दोनों देशों के बीच आर्थिक संबधों, खास तौर पर व्यापार और निवेश की संभावना और पैमाना बढ़ाने की जरूरत पर भी सहमत थे। उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में जल विद्युत, सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि और स्वास्थ्य सेवा, कार्य करने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र होंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इस बात को लेकर सहमत हैं कि हमारे दोनों देशों के लाभ के लिए आर्थिक वचनों को पूरा करने के लिए जमीनी संपर्क बढ़ाना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।” दक्षिण और मध्य एशिया के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए इस साल के शुरू में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया था। मोदी ने कहा, “ताजिकिस्तान समेत अन्य सदस्यों के साथ भारत उत्तर-दक्षिण अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियार के विकास में भी जुटा हुआ है।”
शनिवार को वार्ता के बाद भारत और ताजिकिस्तान ने धन-शोधन, संबंधित अपराध और आतंकवाद के वित्त पोषण से संबंधित वित्तीय खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहयोग, दोहरे कर-वंचन समझौता में संशोधन और राजकोषीय अपवंचन, श्रव्य-दृश्य कार्यक्रमों के आदान-प्रदान के लिए प्रसारण के लिए सहयोग और द्विपक्षीय निवेश से जुड़े चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति रहमोन का यह छठा भारतीय दौरा है। रहमोन का पहले राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया।