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अब पॉलीटेक्निक परीक्षा में ऑब्जेक्टिव पेपर

phpThumb_generated_thumbnail (15)प्रदेश के प्राइवेट पॉलीटेक्निक कॉलेजों में स्टूडेंट्स बढ़ाने के लिए सरकार प्रवेश, परीक्षा और पाठ्यक्रम तीनों स्तरों पर बदलाव कर रही है। बड़ा बदलाव यह होगा कि सत्र 2016-17 से होने वाली परीक्षाएं पूरी तरह से आब्जेक्टिव होंगी। इसमें नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। वर्तमान सत्र में भी परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया गया है। सत्र 2015-16 के लिए अप्रेल के दूसरे सप्ताह में शुरू होने जा रही परीक्षाओं में 40 नम्बर का पेपर सब्जेक्टिव तथा 30 नम्बर का पेपर ऑब्जेक्टिव होगा। ये बात और है कि इस सत्र में परीक्षा का बदला हुआ पैटर्न स्टूडेंट्स के लिए परेशानी बन सकता है, क्योंकि परीक्षा में एक माह से भी कम समय बचा है। इस संबंध में अभी तक परीक्षार्थियों को सूचना नहीं है। तैयारी पूरी तरह से सब्जेक्टिव पेपर की है।इस आधार पर बदलाव

निदेशक तकनीकी शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार 11 मार्च को प्राइवेट पॉलीटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश प्रतिशतता में निरन्तर गिरावट पर अध्ययन किया गया। इस संबंध में गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने कई सुझाव दिए। इसी आधार पर ये बदलाव किए जा रहे हैं।

ये होंगे बदलाव

– पाठ्यक्रम परिवर्तन के लिए पाठ्यक्रम को रिव्यू किया जाएगा। रिव्यू के बाद कमेटी सदस्यों की राय के आधार पर पाठ्यक्रम में बदलाव 2016-17 से किया जाएगा।

– 2015-16 में परीक्षाओं के पेपर प्रिंट होने के लिए भिजवाए जाने के कारण इस सत्र में 40 नम्बर का पेपर सब्जेक्टिव तथा 30 नम्बर का ऑब्जेक्टिव होगा। 2016-17 से शत प्रतिशत प्रश्न पत्र तीनों वर्षों में ऑब्जेक्टिव ही होंगे, नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

– उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए प्राइवेट पॉलीटेक्निक टीचर्स को भी शािमल किया जाएगा।

– 2014-15 में परीक्षा केन्द्र के संबंध में निर्णय लिया गया था कि सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, राजकीय महाविद्यालय, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में ही परीक्षा केन्द्र बनाए जाएं। अब प्राइवेट पॉलीटेक्निक कॉलेजों में पूर्व की भांति परीक्षाएं करवाई जाएंगी, लेकिन परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरे, रिकॉर्डिंग कैमरे के साथ होंगी।

ये होता था अब तक

– पाठ्यक्रम कई वर्षों से नहीं बदला था।

– 70 नम्बर की परीक्षा पूरी तरह से सब्जेक्टिव होती थी। 80 नम्बर का पेपर इंटरनल असेसमेंट का होता था। इसमें परीक्षा 30 नम्बर तथा 50 नम्बर छात्र के असेसमेंट के होते थे।

– नकल रोकने के उद्देश्य से प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज, राजकीय महाविद्यालय और संस्कृत महाविद्यालयों में ही परीक्षा केन्द्र बनाए जाते थे।

केंद्र बदलते ही परिणाम धड़ाम

राज्य के 214 पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 37 सरकारी हैं तथा शेष निजी हैं। दो साल तक केंद्र बदलने के फैसले से पॉलिटेक्निक कॉलेजों के परिणाम में जमीन आसमान का अंतर आ गया। वर्ष 2009-10 में पॉलिटेक्निक का परिणाम जहां 76.74 प्रतिशत आया था, 2010-11 में 72.74 आया था, वह 2013-14 में घटकर 23.69 प्रतिशत तक तथा 2014-15 में भी घट गया।

इसी वर्ष से बदलाव किया जा रहा है। स्टूडेंट्स पर कोई असर नहीं होगा। अगले सत्र से पाठ्यक्रम व अन्य बदलाव होंगे। छात्रों ने पूरी पढ़ाई की है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

– एस.के. सिंह, निदेशक, तकनीकी शिक्षा निदेशालय, जोधपुर

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