अभी-अभी: काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती विस्फोट, 16 लोगों की मौत, 60 घायल
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, जिस समय विस्फोट हुआ, तब राजनेताओं और उनके समर्थकों की भीड़ शक्तिशाली पारंपरिक उज्बेक नेता का सम्मान करने के बाद वापस लौट रही थी। दोस्तुम के प्रवक्ता बशीर अहमद तैयान्ज ने कहा कि हमले के दौरान बख्तरबंद वाहन में होने के कारण उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। काबुल पुलिस के प्रवक्ता हशमत स्तानकजाई ने मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि की है। आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया कि हमलावर पैदल ही घटनास्थल पर पहुंचा था। उन्होंने बताया कि मृतकों में बच्चे, सुरक्षा कर्मी और आम जनता शामिल हैं।
कुकर्म और टार्चर के आरोप में थे एक साल से निर्वासित
दोस्तुम को अपने राजनीतिक विरोधी व उत्तरी राज्य जोआजुम के पूर्व गवर्नर अहमद इशाची का अपहरण कर उसके साथ अपने अंगरक्षकों से कुकर्म कराने और कई दिन तक टार्चर करने के आरोप में निर्वासित किया गया था। दोस्तुम के 7 अंगरक्षकों को इस मामले में सजा भी हुई थी।
मई-2017 में निर्वासित किए गए दोस्तुम तुर्की में रह रहे थे और वहां से एक सेलीब्रेटी के अंदाज में रविवार को सरकार के आग्रह पर चार्टर्ड विमान से वापस लौटे थे। अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक मानी जाने वाले उज्बेक समुदाय से संबंधित दोस्तुम को मानवाधिकारों के हनन में सबसे आगे माना जाता है।
लगातार उग्र प्रदर्शनों के बाद हुई है वापसी
उत्तरी अफगानिस्तान के कई राज्यों में लगातार उग्र प्रदर्शनों के बाद दोस्तुम की वापसी हुई है। इस क्षेत्र को उनका पारंपरिक गढ़ माना जाता है। पिछले कई सप्ताह से दोस्तुम के समर्थकों ने नेशनल हाइवे और अन्य सड़कों के साथ ही सरकारी कार्यालयों पर कब्जा जमाया हुआ था और उन्हें वापस बुलाने की मांग कर रहे थे।
माना जा रहा है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उत्तरी अफगानिस्तान में शांति बनाने और अगले साल होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए उज्बेक समर्थन सुनिश्चित करने के लिए ही उन्हें वापस बुलाया है। हालांकि फारयाब राज्य के प्रदर्शनकारी नेता एहसानुल्लाह कोवान्च ने कहा कि वे तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक दोस्तुम खुद इसे बंद करने के लिए नहीं कहते। कोवांच इस महीने के शुरू में गिरफ्तार किए गए अपने राज्य में दोस्तुम के प्रतिनिधि निजामुद्दीन कैसरी की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं।
अमेरिका के सहयोगी बने थे 2001 में दोस्तुम
दोस्तुम उन लोगों में से एक थे, जिन्होंने 2001 में तालिबानी शासन हटाने में अमेरिका की मदद की थी। उन पर सैकड़ों तालिबानी आतंकियों को शिपिंग कंटेनर में बैठाकर मार देने का भी आरोप है। उन्हें अफगानिस्तान की विवादित हस्तियों में से एक माना जाता है। शनिवार को दोस्तुम की वापसी की घोषणा करने वाले राष्ट्रपति गनी के प्रवक्ता हारून चक्खनसुरी ने कहा था कि दोस्तुम को वापसी पर दोबारा उपराष्ट्रपति पद पर नियुक्त माना जाएगा। हालांकि उन्होंने गवर्नर से कुकर्म वाले मामले में कानूनी एजेंसियों के काम में सरकार के बाधक नहीं बनने की बात भी कही थी।