लगभग तीन चौथाई बहुमत के साथ जीत के बाद उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार के कैबिनेट की पहली बैठक में ही किसानों की ऋण माफी का फैसला लिया जाएगा।
दिल्ली। लगभग तीन चौथाई बहुमत के साथ जीत के बाद उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के कैबिनेट की पहली बैठक में ही किसानों की ऋण माफी का फैसला लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के बाद जल्द ही महाराष्ट्र सरकार भी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला कर सकती है। शाह ने जीत का पूरा श्रेय नरेंद्र मोदी की गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही नीतियों को दिया है। उनके अनुसार 93 से ज्यादा ऐसी नीतियों को जमीन तक पहुंचाने में सफलता मिली है।
जीत के बाद पहले संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ही छोटे और मझोले किसानों की कर्ज माफी का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि ऐसा महाराष्ट्र सरकार भी जल्द ही ऐसा फैसला कर सकती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की तारीख का ऐलान भी किया जाएगा। भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में किसानों की कर्ज माफी अहम वायदा था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में इसे पूरा करने का भरोसा देते रहे थे। इसके बाद महाराष्ट्र के किसानों के लिए भी कर्ज माफी की मांग उठने लगी थी।
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में भारी जीत और गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने की स्थिति में आने को देश में एक नई राजनीतिक शुरूआत बताते हुए अमित शाह ने कहा कि जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति अब और नहीं चलेगी। इसके बजाय जनता मोदी सरकार के कामकाज को देखकर भाजपा के साथ आई है।
उनके अनुसार 2014 में जनता ने जो भरोसा जताया था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस पर शतप्रतिशत खड़े उतरे हैं। जनधन, उज्जवला, घर-घर बिजली पहुंचाना या शौचालय बनाने जैसी छोटी-छोटी योजनाओं से गरीबों की जीवन बदल रहा है और वे प्रधानमंत्री के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। मायावती के ईवीएम में गड़बड़ी किये जाने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार दिया कि मायावती की मन:स्थिति वे अच्छी तरह समझते हैं।