जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच रस्साकशी खत्म नहीं हुई है। ताजा मामला रिटायर हो चुके जजों की विभिन्न कमीशनों और ट्राइब्यूनलों में नियुक्ति का है। केंद्र सरकार ने इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की “गुप्त रिपोर्ट” का हवाला देकर पूर्व जजों की नियुक्ति रोक दी है। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने पिछले कुछ महीनों में छह पूर्व जजों की विभिन्न ट्राइब्यूनलों और कमीशनों के चेयरपर्सन के रूप में नियुक्ति को “आईबी की प्रतिकूल रिपोर्ट” के आधार पर खारिज कर चुकी है।
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इन छह जजों में दो हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जज हैं और दो हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं और दो जज हाई कोर्ट के पूर्व जज हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन जजों के नाम की अनुशंसा टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट एंड अपीलैट ट्राइब्यूनल, नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल, कमीशन, नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल और आर्म्ड फोर्सेज ट्राइब्यूनल इत्यादि पैनलों में नियुक्ति के लिए की गयी थी।
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इन जजों का नाम संबंधित मंत्रालयों द्वारा विधिसम्मत प्रक्रिया का पालन करते हुए अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट (एसीसी) के पास भेजा गया था। चार जजों के नाम को एसीसी ने “प्रतिकूल आईबी रिपोर्ट” के आधार पर अस्वीकार कर दिया। वहीं दो जजों के नाम अस्वीकार करने के लिए कोई कारण नहीं दिया गया।