नई दिल्ली: अभिनेत्री कंगना रनौत बॉलीवुड की ‘क्वीन’ तो हैं ही साथ ही वो अपनी बेबाक राय रखने के लिए जानी जाती हैं. पिछले दिनों ‘कॉफी विद करन’ में जब कंगना पहुंची थीं तो उन्होंने बहुत ही बेबाकी से कई मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की थी. उस दौरान कंगना ने कहा था कि करन जौहर बॉलीवुड में नेपोटिज़्म’ (भाई-भतीजावाद) को बढा़वा देते हैं और वो ‘मूवी माफिया’ हैं. शो के दौरान तो करन कुछ नहीं बोल पाए लेकिन बाद में करन ने कहा कि कंगना ‘विक्टिम कार्ड’ खेल रही हैं और उन्हें बॉलीवुड इंडस्ट्री इतनी बुरी लगती है तो उन्हें इसे छोड़ देना चाहिए. अब फिर कंगना ने करन को ‘महिला कार्ड’ और ‘विक्टिम कार्ड’ पर पलटवार किया है.
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‘विक्टिम कार्ड’ इस्तेमाल कर रही महिलाओं का अपमान कर रहे हैं करन जौहर!
अंग्रेजी अखबार मुंबई मिरर के साथ बातचीत में कंगना ने कहा, ‘करन जौहर एक महिला को उसके महिला होने पर शर्मिंदा क्यों करना चाह रहे हैं? ‘वुमेन कार्ड’ और ‘विक्टिम कार्ड’ का मतलब क्या है? ऐसा कहकर करन जौहर उन महिलाओं का अपमान कर रहे हैं जो वाकई ऐसे ‘कार्ड्स’ का इस्तेमाल कर रही हैं. ये ‘वुमेन कार्ड’ शायद आपके लिए या फिर किसी ओलंपिक विजेता, किसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता के काम भले ही न आए, लेकिन यह एक प्रेग्नेंट महिला को भीड़ भरी बस में ‘महिला’ सीट दिलाने के काम आता है. एक महिला को जब खतरा महसूस होता है तो रोने के तौर पर वो इसका इस्तेमाल कर सकती है. ये ‘विक्टिम कार्ड’ मेरी बहन रंगोली जैसी ऐसिड अटैक विक्टिम के काम आता है जो न्याय पाने के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं.’
‘कॉफी विद करन’ में ‘Badass’ कार्ड का इस्तेमाल किया!
कंगना ने आगे कहा, ‘जितना संभव है मैं तरह के कार्ड का इस्तेमाल करती हूं. काम की जगह पर ‘Badass’ कार्ड, परिवार के साथ ‘लव कार्ड’, दुनिया से लड़ते समय ‘डिग्निटी कार्ड’, बस में जगह चाहिए तो ‘वुमेन कार्ड’. हमें ये समझने की जरूरत है कि हम लोगों से नहीं लड़ रहे हैं बल्कि मानसिकता से लड़ रहे हैं. मैं करन जौहर से नहीं लड़ रही हूं, मैं उनकी ‘पुरूष वर्चस्व’ जैसी सोच रखने वाली मानसिकता से लड़ रही हूं.’
साथ ही कंगना ने करन जौहर को ये भी सलाह दी कि उन्हें अपनी बेटी को भी ये सारे कार्ड्स जैसे ‘वुमेन कार्ड’, ‘विक्टिम कार्ड’, ‘सेल्फ-मेड-इंडिपेंडेंट वुमेन कार्ड’ देने चाहिए.
बता दें कि कंगना ने करन जौहर को नेपोटिज़्म का झंडा बुलंद करने वाला भी कहा था. इस पर करन ने कहा कि ‘क्या मैं अपने बेटे, बेटी या भतीजे के साथ काम कर रहा हूं?’ इस पर कंगना ने कहा है, ‘मुझे नहीं पता कि करन जौहर ‘भाई-भतीजावाद’ का क्या मतलब समझते हैं. अगर उन्हें लगता है कि सिर्फ बेटा-बेटी, कजिन तक ही इस शब्द का मतलब सीमित है तो उनकी समझन के लिए कुछ नहीं किया जा सकता.’
करन ने कहा था कि उन्होंने कंगना को बोलने के लिए एक प्लेटफॉर्म दिया और बिना कट किए सब कुछ दिखाया. इस पर कंगना ने कहा, ‘मैं भी आश्चर्यचकित थी कि करन ने उस एपिसोड से कुछ हटाया क्यों नहीं. अगर ऐसा होता तो मैं उस चैनल को ब्लैक लिस्ट कर देती. आपको ये याद रखना चाहिए चैनल को टीआरपी चाहिए और करन जौहर उस चैनल के लिए एक पेड होस्ट से ज्यादा कुछ भी नहीं है.’
इंडस्ट्री छोड़ने पर- मैं कहीं नहीं जा रही, मिस्टर जौहर….
कंगना को करन ने सलाह दी थी कि अगर उन्हें बॉलीवुड इंडस्ट्री इतनी बुरी लगती हैं तो वो छोड़ क्यों नहीं देती. इस पर कंगना ने कहा है, ‘यह बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री एक छोटा सा स्टुडियो नहीं है जो करन को 20 साल की उम्र में उनके पिता ने दिया था. वो सिर्फ इसका एक छोटा सा हिस्सा है. यह इंडस्ट्री हर भारतीय के लिए है, मेरे जैसे बाहरी लोगों के लिए है जिनके पैरेंट्स गरीब है और एक फॉर्मल ट्रेनिंग भी नहीं दिला सकते. मैंने काम के दौरान ही सीखा है और मुझे इसी के लिए पैसा मिलता है. मैं अपने पैसों से न्यूयॉर्क में जाकर खुद सीख रही हूं. मुझे इस इंडस्ट्री में रहना चाहिए या नहीं ये बताने वाले वो कौन हैं. मैं कहीं नहीं जा रही हूं, मिस्टर जौहर.’