कोलकाता: नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘द अगुमेंटिव इंडियन’ को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट नहीं मिला, बावजूद इसके डायरेक्टर सुमन घोष ने सोशल मीडिया पर इसका ट्रेलर रिलीज कर दिया है. अमर्त्य सेन पर बने डॉक्यूमेंट्री में ‘गाय’, ‘गुजरात’, ‘हिंदू भारत’ और ‘हिंदुत्व’ शब्दों के प्रयोग पर सेंसरशिप विवाद के बीच फिल्मकार सुमन घोष ने इस डॉक्यूमेंट्री का 141 सेकेंड का एक ट्रेलर इंटरनेट पर अपलोड किया है. हालांकि, इस ट्रेलर में ये चार शब्द नहीं हैं. घोष ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “आज 14 जुलाई को हम अपनी फिल्म ‘द अर्गुमेंटिव इंडियन’ को रिलीज करने वाले थे, बेशक हमें ऐसा नहीं करने दिया गया. हमने रिलीज के लिए एक ट्रेलर तैयार किया था, अगर आपको पसंद आये तो कृपया इसे साझा करें. इसमें टैगोर की कविता का वाचन विक्टर बनर्जी द्वारा किया गया है. मैं देशभर से लोगों और मीडिया से मिल रहे समर्थन के लिए आभारी हूं.”
सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को हरी झंडी दिखाने से इनकार कर दिया है. डॉक्यूमेंट्री निर्माता सुमन घोष ने भारतरत्न से सम्मानित अमर्त्य सेन द्वारा दिए साक्षात्कार के दौरान प्रयोग हुए इन चार शब्दों को ‘द अर्गुमेंटेटिव इंडियन’ में म्यूट करने से मना कर दिया, जिसके बाद सेंसर बोर्ड को फिल्म की रिलीज रोकनी पड़ी.
बताते चलें कि, करीब एक घंटे लंबे इस वृत्तचित्र में अमर्त्य सेन को अपने विद्यार्थियों और कोर्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्री के प्राध्यापक कौशिक बसु के साथ बेतकल्लुफी से बातचीत करते फिल्माया गया है. इस फिल्म की न्यूयार्क और लंदन में पहले ही स्क्रीनिंग हो चुकी है. कोलकाता में भी सोमवार को फिल्म की खास स्क्रीनिंग की गई. अमर्त्य सेन पर बनी इस डॉक्यूमेंट्री को इसी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था.