उत्तर प्रदेशराजनीति

अमित शाह बोले- अगर जीतना है तो लाने होंगे 50 फीसदी से ज्यादा वोट

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी धाम से मिशन-2019 का खाका खींचा। उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख कार्यकर्ताओं, प्रदेश के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों और कुछ मंत्रियों के साथ बैठक कर 2019 में भी 2014 का करिश्मा दोहराने का लक्ष्य दिया। साथ ही चुनाव में 50 प्रतिशत से अधिक मत भाजपा के खाते में लाने की रणनीति भी समझायी।
हालांकि, सपा और बसपा गठबंधन की गुत्थी में उलझे और पार्टी की जीत के समीकरणों की चिंता शाह के चेहरे पर छाप छोड़ती नजर आईं पर, लोगों का हौसला बढ़ाने में उन्होंने कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पहले हुए गठबंधन भी भाजपा की जीत रोक नहीं पाए हैं। पार्टी के लोग बूथों की मजबूती बनाए रहें और केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं को नीचे तक पहुंचाने में कामयाब रहे तो गठबंधन की गणित भाजपा की जीत का रास्ता रोक नहीं पाएगी।

उन्होंने दावा किया कि 2014 में भाजपा को गठबंधन सहित 73 सीटें मिली थीं। इस बार इनकी संख्या 74 तो हो सकती है लेकिन 72 नहीं होगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को बूथों को मजबूत करने और विस्तारकों को घर-घर जाकर संपर्क करने का एजेंडा सौंपा। बैठक में विस्तारकों से उनके क्षेत्रों के बारे में गहराई से पूछतांछ की तो लोकसभा चुनाव की तैयारी के कुछ गुर भी बताए। मंत्रियों और पार्टी के अन्य लोगों से भी उन्होंने कुछ सवाल पूछे और सुझाव व नसीहतें भी दीं।

शाह ने बैठक से पहले मां विंध्यवासिनी धाम में पूजा-अर्चना कर मिशन-2019 में पार्टी की सफलता की कामना की। उन्होंने कहा भी कि मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद भाजपा की सफलता को आगे बढ़ाएगा। बैठक के बाद वह गठबंधन में शामिल अपना दल (एस) की नेता व केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल के घर भी गए। अनुप्रिया के घर वह लगभग आधा घंटा रुके।

इस मौके पर अनुप्रिया के पति और अपना दल (एस )के अध्यक्ष आशीष पटेल मौजूद रहे। इसके बाद वह वाराणसी रवाना हो गए। यहां उन्होंने रात में पार्टी की कोर टीम के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश के समीकरणों और पार्टी के सांसदों की स्थिति पर विचार-विमर्श किया।

मंत्रियों से बातचीत कर उनके जरिये प्रदेश का नब्ज टटोली और जरूरी निर्देश दिए। शाह के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव भी थे।
अमित शाह के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

कोर टीम के साथ बैठक में उन्होंने प्रदेश के मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी जांचा। बताया जाता है कि शाह ने प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार को लेकर किसी को कोई संकेत नहीं दिए। पर, जिस तरह उन्होंने बारीकी से एक-एक बिंदु पर बातचीत की, उससे ताज्जुब नहीं कि निकट भविष्य में कुछ मंत्रियों की कद-काठी पर इसका असर दिखाई पड़े।

जानकारी के मुताबिक, कुछ मंत्रियों को लोकसभा चुनाव के समीकरणों के लिहाज से विशेष अभियान में लगाने का भी फैसला किया गया है। जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

विंध्याचल में जिस तरह सूर्यप्रताप शाही, सिद्धार्थनाथ सिंह, बृजेश पाठक, डॉ. महेंद्र सिंह, दारा सिंह चौहान, नंदगोपाल नंदी, राजेश अग्रवाल और स्वामी प्रसाद मौर्य सहित अन्य कुछ मंत्री काफी सक्रिय दिखे उससे इस संभावना को और बल मिल रहा है।

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