राज्य

अमृतसर ट्रस्ट घोटाला : कैप्टन अमरिन्दर इस्तीफा दें या इसकी जांच CBI के हवाले करें : खैहरा

लुधियाना-फिरोजपुर : विजीलैंस ब्यूरो द्वारा कैप्टन अमरिन्दर सिंह के खिलाफ अमृतसर इम्परूवमैंट ट्रस्ट मामले में पेश की गई रिपोर्ट को मोहाली की स्पैशल कोर्ट के जज जसविन्दर सिंह द्वारा 24 अगस्त को रद्द किए जाने के उपरांत कहा कि अभी इस मामले में निष्पक्ष जांच जरूरी है। पत्रकारों को संबोधन करते पंजाब विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खहरा ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के मुख्य मंत्री और गृह मंत्री रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती क्यों जो वह खुद विजीलैंस ब्यूरो के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह या तो पंजाब के मुख्य मंत्री के तौर पर इस्तीफा दें या इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने। मोहाली की अदालत की तरफ से इस सम्बन्धित केस को रद्द करते यह कहा गया था कि यह रिपोर्ट अनूमान और अन्दाजे पर अधारित है, दूसरे शब्दों में जज ने साफ तौर पर यह कहा है कि यह भ्रष्टाचार के साथ सम्बन्धित मामला है और इसकी ओर जांच होनी चाहिए। खहरा ने कहा कि इसके उपरांत यह जाहिर हो गया है कि अदालत ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में उन को शामिल रखा है।

मामले पर हैरानी जाहिर करते खहरा ने कहा कि उस समय की प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली सरकार ने विधान सभा के समिति की रिपोर्ट के आधार पर उस समय कैप्टन अमरिन्दर सिंह को विधायक के तौर पर छुट्टी कर दी थी और कहा था कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह प्रसिद्ध अमृतसर ट्रस्ट केस के लिए जिम्मेदार हैं। खहरा ने कहा कि कुछ सालों के बाद उसी बादल सरकार ने 4 अक्तूबर 2016 को इस मामले को बंद करने सम्बन्धित रिपोर्ट पेश करके कैप्टन अमरिन्दर सिंह को कालीन चिट्ट दे दी थी। उन्होंने कहा कि इस से साफ जाहिर होता है कि उस समय बादल और अब कैप्टन अमरिन्दर सिंह न्याय प्रणाली का दुरुपयोग करते हुए एक दूसरे के खिलाफ पहले केस दर्ज करते हैं और बाद में पर्दे के पीछे इसका खात्मा कर लेते हैं। विरोधी पक्ष के नेता ने कहा कि पहले एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज करना और बाद में सुलह करने का यह खेल 2002 से चल रहा है। जब कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बादल परिवार के खिलाफ आमदन से अधिक जायदाद का केस दर्ज किया था। 2007 में सरकार बनने के बाद बादल ने विजीलैंस ब्यूरो का दुरुपयोग करते हुए इस केस को बंद करवा कर 2008 में बरी हो गए थे जिसको कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कभी भी किसी उच्च अदालत में लेकर जाना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि दोनों परिवारों में गहरे संबंध हैं।

Related Articles

Back to top button