अमेरिकी कस्टडी के दौरान मारी गई थी ग्वाटेमाला की जैक्लीन
अधिकारियों ने बच्ची की मौत की वजह कार्डिक अरेस्ट, दिमाग में सूजन और लीवर का खराब होना बताया था। जबकि बच्ची के पिता का कहना है कि वह बिल्कुल स्वास्थ्य थी। जैक्लीन के रिश्तेदारों का कहना है कि उसका सपना अपने परिवार को समर्थन करने के लिए पैसे भेजने का था। वह इसी उम्मीद के साथ अपने पिता के साथ गई थी।
जैक्लीन अपने पिता नैरी काल (29) के साथ थी। वह 160 से अधिक प्रवासियों के समूह में थी। सभी को 6 दिसंबर को अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया था। कस्टडी के समय उसे तेज बुखार था। इसके दो दिन बाद टेक्सास के एल पासो अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
जैक्लीन की मां क्लॉडिया मरलौन (27) का कहना है, “जैक्लीन कहती थी कि जब वो बड़ी हो जाएगी तो वह काम पर जाएगी और अपनी मां और दादी को आटा भेजेगी।” जैक्लीन के तीन बहन भाई और हैं। उसकी मां का कहना है, “क्योंकि उसने कभी बड़ा देश नहीं देखा, तो वह बड़ी खुश थी कि वह जा रही है।” जैक्लीन की मां का कहना है कि उसके पति उनके अति गरीब परिवार की हालत ठीक हो इसके लिए अमेरिका गए थे।
जैक्लीन का गरीब परिवार लकड़ी के बने घर में रहता है। उसके घर में थोड़ी सी मुर्गियां और सूअर थे। छह महीने के बच्चे को गोद में लिए क्लॉडिया काफी रो रही थीं। वनों की कटाई ही रैक्सरुहा के रहने वाले 40 हजार लोगों के जीवनयापन का एक जरिया है। यह कार्य बेहद कठिन है। इन्हीं सब वजहों से यहां के लोगों को पलायन के बारे में सोचने पर मजबूर होना पड़ता है।