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अयोध्या पर केंद्र के फैसले पर योगी ने कहा- इस्तेमाल करने दी जाए जमीन

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अयोध्या मामले की तरफ बड़ा कदम उठाया गया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि गैर विवादित भूमि को वापस उसके मालिकों को सौंप दिया जाए. भारत सरकार के इस कदम का उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वागत किया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि केंद्र के इस कदम का वह स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हम पहले से ही इसकी मांग कर रहे हैं कि गैर विवादित जमीन का इस्तेमाल हमें करने दिया जाए.

अयोध्या पर केंद्र के फैसले पर योगी ने कहा- इस्तेमाल करने दी जाए जमीनगौरतलब है कि भारत सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. भारत सरकार का कहना है कि अयोध्या में कुल 70 एकड़ जमीन पर सरकार का अधिग्रहण है, जिसमें से 2.77 एकड़ जमीन पर फैसला आना है. ऐसे में बाकी गैर विवादित 67 एकड़ जमीन पर उसके मालिकों को वापस सौंप दी जाए. इस 67 एकड़ में से कुल 40 एकड़ जमीन रामजन्मभूमि न्यास की है.

भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन ने भी कहा कि केंद्र का ये फैसला काफी अहम है. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार काम कर रही है, ऐसे में इस फैसले को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. शाहनवाज बोले कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, लेकिन हमारे लिए राम मंदिर का मुद्दा आस्था का विषय है.

दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद की ओर से केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया गया है. वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि केंद्र सरकार का पेंडिंग मामलों में कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में कोई थर्ड पार्टी किस तरह याचिका दायर कर सकती है.

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण का मुद्दा चरम पर है. अभी कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अयोध्या मामले को सुप्रीम कोर्ट हमें सौंप देना चाहिए, हम इस मसले को 24 घंटे में निपटा देंगे इसमें 25वां घंटा नहीं लगने देंगे.

सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ के सामने ये मामला लंबित है. इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ शामिल हैं. जस्टिस बोबडे के छुट्टी पर जाने के कारण 29 जनवरी की सुनवाई टल गई थी.

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