अयोध्या नहीं, अब मुंबई में राम मंदिर का विवाद
एजेंसी/ मुंबई। राम मंदिर का मुद्दा यूपी से मुंबई जा पहुंचा है। वहां भी इस धार्मिक विषय पर बहस शुरू हो गई है। हालांकि मुंबई के जिस इलाके में राम मंदिर अभियान शुरू हुआ है, वहां मर्यादा पुरुषोत्तम का एक चर्चित मंदिर पहले से बना है।
राम मंदिर रेलवे स्टेशन
इस बार मुद्दा सिर्फ राम मंदिर नहीं बल्कि राम मंदिर रेलवे स्टेशन है। बीजेपी और शिवसेना मुंबई के ओशीवारा स्टेशन का नाम बदलकर राम मंदिर स्टेशन करने का अभियान शुरू कर चुके हैं।
पश्चिम रेलवे के 37वें स्टेशन के तौर पर ओशीवारा का नाम तय हुआ था। स्टेशन का निर्माण शुरू हो चुका है। लेकिन अब भाजपा और शिवसेना के दो बड़े नेता इस स्टेशन का नाम बदलने का अभियान शुरू कर चुके हैं।
इनका कहना है कि इसे ओशीवारा स्टेशन की बजाय राम मंदिर स्टेशन नाम दिया जाए। इस मांग को पूरा करने के लिए भाजपा-शिवसेना के नेता रेल मंत्री सुरेश प्रभु और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मिल चुके हैं।
खुद मुंबई के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस इस मांग पर ध्यान दे रहे हैं। यह स्टेशन ओशीवारा में राममंदिर रोड पर बन रहा है। इस इलाके को भी राम मंदिर नाम से पहचाना जाता है। यहां राम का एक विशाल मंदिर भी है।
यही वजह है कि भाजपा और शिवसेना स्टेशन पर नाम भी बदलना चाह रही हैं। इस साल दिसंबर में स्टेशन का उद्घाटन होने की उम्मीद है। ओशीवारा एक नदी भी है। इसी वजह से स्टेशन का नाम ओशीवारा करने पर सहमति बनी हुई है।
हालांकि भाजपा की विधायक और मंत्री विद्या ठाकुर और शिवसेना के सांसद गजानन कीर्तिकर ने राम मंदिर स्टेशन के लिए दो हफ्ते से अभियान शुरू कर दिया है। दबाव बनाया जा रहा है कि स्टेशन का नाम बदला जाए।
इस बारे में विद्या ठाकुर और गजानन कीर्तिकर कहते हैं, ‘इस मामले को धार्मिक भावनाओं से मत जोड़ें। यह पूरा इलाका राम मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह राम जी का प्रसिद्ध मंदिर भी है। फिर स्टेशन का नाम बदलने में क्या दिक्कत है। हमने मुख्यमंत्री और रेलमंत्री से इस बारे में बात की है। हमें सकारात्मक जवाब मिला है।’
विद्या ठाकुर कहती हैं, ‘जमीन के रिकॉर्ड्स देखने से भी साफ हो जाता है कि इस इलाके का नाम राममंदिर है। इसलिए यह कोई धार्मिक मुद्दा नहीं। यहां का बस डिपो और लोकल हाउंसिंग सोसाइटी भी राम मंदिर के नाम पर हैं। यह भले ओशीवारा इलाके में आता है लेकिन इसी अपनी अलग पहचान है।’
वहीं, पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंद्र भाकर कहते हैं,’रेल मंत्रालय ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। केन्द्र व राज्य सरकार स्टेशन का नाम तय करेंगे। उन्हें रेलवे को अपना सुझाव देना होगा।’
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। ट्विटर पर कुछ लोग इस फैसले के समर्थन में तो कुछ विराेेध में हैं। लोग इसे धार्मिक भावनाओं से भी जाेड़ रहे हैं।
यूपी में अयोध्या का राममंदिर एक बड़ा धार्मिक मुद्दा है। इसी वजह से मुंबई का यह राम मंदिर स्टेशन भी चर्चा का विषय बन गया है।