अरविंद बोबडे बने 47वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई शपथ
नई दिल्ली : शरद अरविंद बोबडे ने आज भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ बोबडे भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने रंजन गोगोई की जगह ली है। सीजेआई रंजन गोगोई बीते 17 नवम्बर को रिटायर हो गए थे। राष्ट्रपति पहले ही शरद अरविंद बोबडे के नाम पर मुहर लगा चुके थे। बोबडे ने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। वे 23 अप्रैल 2021 तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे। रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस की सुनवाई कर चुके हैं जस्टिस बोबडे महाराष्ट्र के नागपुर में 24 अप्रेल 1956 में शरद अरविंद बोबडे का जन्म हुआ था।
बोबडे ने एसएफएस कॉलेज नागपुर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1978 में नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। 2000 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया था। उसके बाद बोबडे साल 2012 में मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के 39वें मुख्य जस्टिस बने थे। उन्हें साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन भी मिल गया। शरद अरविंद बोबडे ने जस्टिस रहते हुए आधार कार्ड, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस की सुनवाई कर चुके हैं। वह अयोध्या केस में बनी सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सदस्यों में शामिल थे।