दस्तक टाइम्स एजेंसी/ नई दिल्ली :अरुणाचल प्रदेश के बर्खास्त मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने आज आरोप लगाया कि केंद्र असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों और भाजपा के साथ मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए सरकार बनाने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी कदम पूरी तरह से असंवैधानिक होगा।
तुकी ने बताया, ‘मुझे मालूम पड़ा है कि सभी असंतुष्ट विधायकों और भाजपा विधायकों को एक चार्टड विमान से पहले असम ले जाया गया फिर वहां से हेलीकॉप्टर में ईटानगर।’ उन्होंने कहा, ‘विधायकों को ईटानगर में दो होटलों में ठहराया गया है और वे कालीखो पुल के नेतृत्व में सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से मिलने का इंतजार कर रहे हैं।’
कांग्रेस विधायक दल के नेता तुकी ने कहा कि अगर असंतुष्ट और भाजपा विधायक सरकार गठन करते हैं तो यह पूरी तरह से असंवैधानिक और कानून के खिलाफ होगा, क्योंकि उच्चतम न्यायालय अब भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की और उनकी सरकार को बख्रास्त करने के संबंध में सुनवाई कर रहा है।
कालीखो पुल के नेतृत्व में कांग्रेस के असंतुष्टों की बगावत से राज्य में सियासी संकट आ गया, जिसके बाद आखिरकार 26 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। तुकी सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के बाद से सभी असंतुष्ट 21 विधायक लंबे वक्त से दिल्ली में ढेरा डाले हुए थे। उनके साथ भाजपा के 11 और दो निर्दलीय विधायक भी शामिल थे।
60 सदस्यीय विधानसभा में तुकी को 26 विधायकों का समर्थन हासिल होने की खबर थी। तुकी ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू पर कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया है जो अरूणाचल प्रदेश से आते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘रिजिजू वही व्यक्ति है जिसने सब कुछ किया। उन्होंने ही विधायकों को प्रायोजित किया, उन्हें सुरक्षा प्रदान की और मेरी सरकार को अस्थिर किया। उन्हें इसमें कामयाबी मिली।’ तुकी ने कहा, ‘अब केंद्र सरकार गठन करने की साजिश रच रहा है।’ तुकी ने कहा कि अगर खिचड़ी सरकार गठित की जाती है, तो यह लंबे वक्त नहीं टिक पाएगी, क्योंकि कानून व्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता की समस्या हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘ऐसी सरकार चल नहीं पाएगी। मुझे मालूम हुआ है कि सरकार बनाने के बाद, वे मध्यावाधि चुनाव कराने की सिफारिश करेंगे।’ कांग्रेस पार्टी ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीती थीं लेकिन उसे तब झटका लगा जब उसके 21 विधायकों ने बगावत कर दी। बाद में स्पीकर ने 14 विद्रोही विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था।