अर्थव्यवस्था में बढ़ी रफ्तार, 2018-19 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.2 फीसदी आंकी गई है. बीते तीन साल के दौरान रिकॉर्ड की गई यह सर्वाधिक विकास दर है.
इस विकास दर के साथ भी एक बार फिर भारत ने पड़ोसी देश चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से भागने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा पा लिया है. गौरतलब है कि अप्रैल-जून 2018 के दौरान चीन ने 6.7 फीसदी का विकास दर दर्ज की है. वहीं, पहली तिमाही में इस रफ्तार के साथ भारत ने अब यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ने की तैयारी कर ली है और माना जा रहा है कि अब बहुत जल्द भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है.
केन्द्र सरकार के सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कोर सेक्टर की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है. जहां जुलाई में कोर सेक्टर ग्रोथ 6.6 फीसदी आंकी गई वहीं, माह दर माह के आधार पर कोर इंडस्ट्री ग्रोथ 7.6 फीसदी से घटकर 6.6 फीसदी हो गई. वहीं जून में कोर सेक्टर ग्रोथ 6.7 फीसदी से संशोधित कर 7.6 फीसदी की गई थी.
केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक माह दर माह के आधार पर जुलाई में कोयला उत्पादन की ग्रोथ 11.5 फीसदी से घटकर 9.7 फीसदी पर पहुंच गई. वहीं, जुलाई में कच्चे तेल के उत्पादन की ग्रोथ 3.4 फीसदी से बढ़कर 5.4 फीसदी पर पहुंच गई.
जुलाई के दौरान नैचुरल गैस उत्पादन की ग्रोथ 2.7 फीसदी से बढ़कर 5.2 फीसदी पर पहुंच गई वहीं, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स उत्पादन की ग्रोथ 12.1 फीसदी से बढ़कर 12.3 फीसदी पर आंकी गई है. इस दौरान फर्टिलाइजर्स उत्पादन की ग्रोथ 1 फीसदी से बढ़कर 1.3 फीसदी आंकी गई तो माह दर माह के आधार पर स्टील उत्पादन की ग्रोथ 3.4 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी आंकी गई.
केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सीमेंट उत्पादन की ग्रोथ में गिरावट दर्ज हुई है जो कि 13.2 फीसदी से घटकर जुलाई के दौरान 10.8 फीसदी पर पहुंच गई. इसके साथ ही देश में बिजली उत्पादन की ग्रोथ को भी झटका लगा है और जुलाई के दौरान 8.4 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी दर्ज हुई है.