अलर्ट! बिना जुकाम बहे नाक, तो यह हो सकता है दिमाग का पानी
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ नाक बहना एक आम समस्या है। एलर्जिक जुकाम, साइनस व अन्य तकलीफों में नाक से पानी आ सकता है। लेकिन यदि यह बिल्कुल पतला बिना चिपचिपाहट का साफ पानी जैसा है और नाक के एक तरफ से टपकता है तो जरा गौर करें क्योंकि यह दिमाग का पानी सेरब्रोस्पाइनल फ्लूड भी हो सकता है।
दरअसल सेरब्रोस्पाइनल फ्लूड मस्तिष्क की संरचनाओं के बीच स्थित एक विशेष द्रव्य है जो पानी, इलेक्ट्रोलाइट, ग्लूकोज व अन्य अवयवों से मिलकर बना होता है। यह रोजाना करीब आधा लीटर बनता है। चूंकि नाक की ऊपरी सतह दिमाग से सटी होती है इसलिए कुछ स्थितियों में यह नाक से बाहर टपकने लगता है। इसे सीएसएफ राइनोरिया कहते हैं।
कारण : सिर या नाक पर चोट लगना या इन भागों के ऑपरेशन समस्या की वजह बन सकते हैं। अन्य कारण मस्तिष्क में दबाव बढऩा, ट्यूमर और जन्मजात विकृतियां भी हो सकती हैं।
लक्षण : नाक से पतला चिपचिपा रहित पानी आता है।
जांच व उपचार : नाक की दूरबीन से जांच की जाती है। सीटी स्कैन या एमआरआई भी किया जाता है। संदेह होने पर मरीज को ऐसे द्रव्य को साफ शीशी में इकट्ठा कर लेना चाहिए। फिर इसकी विशेष जांच जैसे बीटा ट्रांसफेरीन तत्त्व की मौजूदगी से पुष्टि की जा सकती है। इसमें सिर ऊंचा रखना चाहिए। स्वत: ठीक ना होने पर सर्जरी से इसे ठीक किया जाता है।