अविवाहिताएं भी रख सकती करवा चौथ का व्रत, जाने पूजन विधि
यद्यपि मुख्य रूप से करवा चौथ के व्रत का विधान विवाहित स्त्रियों के लिए ही बनाया गया है, परंतु अब काफी संख्या में कुंवारी कन्यायें भी इस व्रत को रखने लगी हैं। इनमें से अधिकांश सुयोग्य वर की कामना से करवा चौथ का व्रत करती हैं आैर कर्इ विवाह सुनिश्चित होने पर अपने मंगेतर के लिए इस व्रत को रखती हैं। कुंवारी कन्याआे के इस व्रत को रखने में कोर्इ दोष नहीं है। माता पार्वती ने भी शिव जी के लिए विवाह से पूर्व इस व्रत को उनके साथ आैर सौंदर्य की आकांक्षा से रखा था। अविवाहिताआें को भी व्रत का पालन सामान्य नियमानुसार ही करना होता है, हां उनके द्वारा व्रत की पूजा करने का तरीका थोड़ा सा बदल जाता है।
ये है पूजा का विधान आैर समय
कुंवारी कन्याआें भी 27 अक्टूबर 2018 को करवा चौथ का व्रत सामान्य रूप से निराहार रह कर करेंगी। वे चाहें तो निर्जल व्रत ना करें। इस वर्ष करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त सांयकाल 05 बज कर 36 मिनट से 06 बज कर 54 मिनट तक रहेगा। इसके बाद क्योंकि अभी उनका विवाह नहीं हुआ है इसलिए उन्हें सरगी नहीं मिलती है आैर वे बायना भी नहीं निकालेंगी, बस श्री गणेश आैर शिव पार्वती की पूजा करके करवा पूजेंगी। इसके बाद कुंवारी लड़कियों को चंद्रमा के स्थान तारे देख कर उन्हें जल से अर्ध्य देना होगा आैर मीठे से भोग लगाना होगा। वही मीठा स्वंय खा कर व्रत खोलना होगा। अविवाहित लड़कियां चांद के स्थान पर तारे का दर्शन इसलिए करती हैं क्योंकि विवाह के उपरांत ही चांद को पति का प्रतीक समझा जाता है। कुंवारी कन्यायें तारों का दर्शन चलनी से नहीं करती हैं।
करवा चौथ के अनुष्ठान
करवा चौथ से जुड़े कर्इ अनुष्ठान हैं जिनका पालन करना शुभ माना जाता है। इनमें सबसे ज्यादा महत्व सौभाग्य चिन्हों आैर श्रंगार की सामग्रियों के इस्तेमाल का होता है। इस व्रत में चूड़ियों आैर मंहदी का विशेष महत्व होता है। करवा चौथ के पूजन से पहले पारंपरिक कपड़े जैसे साड़ी और गहने पहनें। संभव हो तो सोलह शृंगार करें। मेंहदी जरूर लगायें। श्रंगार सौभाग्यवती स्त्री की पहचान है आैर हिंदू धर्म में इसको शुभ माना जाता है इसलिए सौभाग्य की कामना से किए जाने वाले इस व्रत में इन सबका प्रयोग जरूरी माना जाता है। कुंवारी कन्यायें यदि इस व्रत को करें तो विवाहित महिला की बची हुर्इ मेंहदी अपने हाथ पर रचायें तो अत्यंत फलदायी होता है। कहते हैं कि एेसा करने से जिन कन्याआें के विवाह में बाधा आ रही होती है वो दूर हो जाती है।