अवैध हथियारों का हब बनता जा रहा है मेरठ, ऐसे घरों से होती है सप्लाई
दिल्ली/एनसीआर को अवैध हथियारों का जखीरा सप्लाई करने वाले बिहार के मुंगेर शहर में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. इसका नतीजा ये हुआ है कि मुंगेर में इस इंडस्ट्री की कमर टूट गई है, लेकिन इसका साइड इफेक्ट राजधानी दिल्ली के लिए खतरनाक साबित हुआ है.
अवैध हथियारों की ये फैक्ट्रियां अब दिल्ली के दरवाजे मेरठ तक पहुंच गई हैं. दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर संजीव यादव ने मेल टुडे को बताया, “पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अवैध हथियार बनानेवालों और डीलर्स ने अपने ठिकाना अब मेरठ और आस-पास के इलाकों में बना लिया है, ये लोग मेरठ से कच्चा माल और कारीगर ला रहे हैं।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार का मुंगेर और मध्य प्रदेश का खरगौन दो ऐसे शहर थे जहां से अवैध हथियारों की थोक सप्लाई दिल्ली/एनसीआर को होती थी. दिल्ली पुलिस ने ऐसे अवैध हथियारों की सप्लाई के ऐसे कई गैंग का खुलासा किया है जिसके तार मुंगेर से जुड़े थे. 2012 में दिल्ली पुलिस ने मुंगेर में बने 28 पिस्टल जब्त किये थे.
जुलाई 2013 में 2 लोग गिरफ्तार किये गये थे, इनके पास से 99 हथियार जब्त किये गये थे. इनमें से एक की कीमत 20 से 25 हजार रुपये थी. ये लोग हर महीने दिल्ली, एनसीआर में हर महीने हथियारों की सप्लाई करते थे.
जून 2014 में दिल्ली पुलिस ने मुंगेर में बने एके-47 राइफल, 30 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और इतने ही मैगजीन जब्त किये थे. इन लोगों की योजना राजधानी दिल्ली में ही मिनी-मुंगेर सेटअप करने की थी.
फरवरी 2016 में हालात बदलने लगे. दिल्ली पुलिस ने इसी महीने मेरठ के अवैध हथियार विक्रेता से 50 देशी पिस्टल और 50 मैगजीन जब्त किये. पिछले साल दिसंबर में पुलिस ने मेरठ के एक हथियार डीलर को 28 पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था. ये शख्स गिरफ्तारी से पहले ही दिल्ली समेत दूसरे इलाकों में 400 पिस्टल की सप्लाई कर चुका था.
इसी साल 9 अक्टूबर में दिल्ली पुलिस ने मेरठ में एक अवैध हथियार की फैक्ट्री का खुलासा किया और 5 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने इनके पास से 84 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल, 5कार्टिरेज, 40 मैगजीन और कई अर्धनिर्मित हथियार बरामद किये थे. इन सब हथियारों के लिए कच्चा माल और तकनीक मुंगेर से लाया गया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के अपराधी हथियारों की होम डिलीवरी चाहते हैं. कारों में छुपाकर इनकी डिलीवरी की जाती है.
यूपी पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर बताते हैं, “मेरठ और मुजफ्फरपुर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों से अवैध हथियारों की तस्करी के मामले में हजारों लोग हर साल गिरफ्तार किये जाते हैं, इन इलाकों का तेजी से शहरीकरण हुआ है, साथ ही यहां से बांग्लादेश और नेपाल में हथियार ले जाना आसान है, जहां पर ऐसे हथियारों की काफी मांग है.”
इसी साल अगस्त में भी पुलिस ने एक हथियार फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर 400 देसी निर्मित और अर्धनिर्मित पिस्टल बरामद किये थे. पुलिस की कई कोशिशों के बावजूद मुंगेर से यहां हथियारों का जखीरा लगातार आ रहा है. दिल्ली पुलिस ने जुलाई में मेरठ से 35 ऑटोमैटिक पिस्टल और 69 मैगजीन जब्त किये थे.
पुलिस के मुताबिक इन इलाकों में प्रॉपर्टी के बिजनेस में बूम की वजह से लोग अमीर हुए हैं, लेकिन यहां अपराध भी बढ़े हैं. पुलिस का कहना है कि उनके लिए चुनौती उन ठिकानों का पता लगाना है जहां हथियार बनते हैं, क्योंकि ये जगह बदलते रहते है, कई बार तो जंगलों में हथियार बनते हैं.