असम में पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश में था, पुलिस एनकाउंटर में हुआ जख्मी
मोरिगांव: असम के मोरिगांव (Morigaon) जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक संदिग्ध ड्रग तस्कर (drug peddler) जख्मी हो गया। दरअसल वह हिरासत से फरार होने की कोशिश कर रहा था। दो माह पहले राज्य की सत्ता में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार आई है और तब से अब तक यहां पुलिस एनकाउंटर में 15 संदिग्ध आतंकी व अपराधी मारे गए और 24 घायल हुए।
मोइराबारी (Moirabari) एरिया के ड्रग माफिया पुलिस की हिरासत से फरार होने की कोशिश कर रहा था तभी शगुनबाही गांव में शुक्रवार दोपहर 1 बजे के करीब पुलिस ने मार गिराया। यह जानकारी एक शीर्ष अधिकारी की ओर से दी गई। इससे पहले असम मूल के दिल्ली में वकील आरिफ ज्वादर (Arif Jwadder) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission, NHRC) के पास असम पुलिस के खिलाफ शिकायत दजर् कराई थी।
इसमें कहा गया कि जब से हिमंत बिश्व शर्मा ने कमान संभाली है तब से असम पुलिस ने अनेकों एनकाउंटर किए हैं। असम सरकार की ओर से कहा गया कि केवल दो दिनों में 12,000 किलो ग्राम अफीम जलाई जाएगी। जब्त नशीले पदार्थों को पुलिस 17 जुलाई को दीफू व गोलाघाट और 18 जुलाई को नगांव व होजई में जलाएंगी। राज्य मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने ड्रग्स के खतरे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में एकजुट होकर इस समस्या से लड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें ड्रग्स, गौ तस्करी और मानव तस्करी के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि नेटवर्क की जड़ म्यांमार में है और कुछ विद्रोही समूह आपूर्ति में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को व्यापार में उल्फा (आई) आतंकवादियों के शामिल होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।