स्वास्थ्य

असाध्य बीमारियों में भी कारगर योग

आजकल की भागदौड वाली जीवन शैली तथा मिलावटी भोजन और फास्ट फुड व्यक्ति की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। इसलिए हमें निरोग और ऊर्जावान रहने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है और इसके साथ कुदरत के साथ तारतम्य बिठाते हुए योग को जीवन चर्या में शामिल करना होगा। योग अनेक बीमारियों में कारगर हैं ।

प्रदूषण के विकराल स्तर पर पहुंचने औsर जीवन शैली के (खास करके नई पीढ़ी की) पश्चिमी देशों के गुलाम बन जाने से हम कम उम्र में ही गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में जरूरत है कि हम अपने ऋषि मुनियों की शिक्षा को अपनाएं जिन्होंने योग और उत्तम जीवन शैली के माध्यम से सौ साल से भी अधिक समय तक निरोगी रहकर ’जीवन साधना’ की। योग विश्व को भारत की ही देन है लेकिन पश्चिम इसे जब ’योगा’ कहता है तो हम उनकी हर बात को आखें बंद कर विश्वास करने लगते हैं।

हम अपनी अच्छाइयों से दूर होते जा रहे हैं और सुंदर रैपर में लिपटे ’बाहर’ से आ रहे ’विष’ को गले गला रहे हैं। खाने -पीने से लेकर उठने-बैठने यहां तक की चलने में भी हम सब भेड़ चाल अपना रहे हैं और fिशकायत करते हैं कि वर्तमान में सब कुछ प्रदूषित हो गया है। अफसोस की बात है कि हम अपनी तरफ नहीं देखते। स्वस्थ और ’स्लिम ट्रिम’ बनने के लिए हजारों रुपये लगाकर जिमखानों के चक्कर लगाते हैं और जीवन के लिए बेहद आवश्यक और वैज्ञानिक जीवन शैली ’योग’ को दरकिनार करते हैं।

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