अहंकार को दूर करने में खेल का मैदान सबसे महत्वपूर्ण -राज्यपाल
राजभवन में फ्रेंडली क्रिकेट मैच का आयोजन, राज्यपाल ने किया उद्घाटन
लखनऊ : प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन के गृह अधिष्ठान एवं राज्यपाल सचिवालय के बीच खेले गये फ्रेंडली क्रिकेट मैच में विजेता टीम एवं रनर टीम को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। क्रिकेट मैच में राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने खिलाड़ी के रूप में अपना खेल कौशल का प्रदर्शन किया तथा राज्यपाल सचिवालय की टीम ने एक रन से विजय प्राप्त की। गृह अधिष्ठान टीम के कप्तान राज्यपाल के परिसहाय श्री प्रवीण भौरिया तथा राज्यपाल सचिवालय टीम के कप्तान अपर विधि परामर्शी श्री कामेश शुक्ला थे। मैच का आयोजन राजभवन के बड़े लाॅन में किया गया था। मैच में उत्कृष्ट बैटिंग के लिये डा0 रईस, उत्कृष्ट बाॅलिंग के लिये उपनिरीक्षक कुलदीप सिंह तथा मैन आॅफ द मैच का पुरस्कार श्री अश्वनी को दिया गया। अम्पायर के रूप में विशेष कार्य अधिकारी श्री राजवीर सिंह राठौर, श्री संजय श्रीवास्तव ने अपने दायित्व का निर्वाहन किया तथा कमेन्ट्री उपनिरीक्षक श्री जमाल सिद्दीकी एवं श्री धीरेन्द्र शुक्ला द्वारा की गई।
राज्यपाल ने पुरस्कार वितरण के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हार-जीत खेलने वालों की होती है। जो नहीं खेलता उनको हार-जीत का महत्व नहीं पता होता। टीम के हारने के बाद भी टीम का स्वागत होना चाहिए क्योंकि खेल में खेल की भावना का ज्यादा महत्व होता है। इस तरह के मैचों से आपस में स्नेह पैदा होता है। खेल से एकता, आत्मीयता और शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि अहंकार को दूर करने में खेल का मैदान सबसे महत्वपूर्ण होता है। श्री नाईक ने कहा कि राजभवन में अधिकारियों और कर्मचारियों का एक साथ मैच खेलने का पहला मौका है जो वास्तव में सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व इस मैदान में योगाभ्यास का कार्यक्रम रखा गया था। उन्होंने प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा आपसी तालमेल बढ़ाने के लिये क्रिकेट मैच के प्रस्ताव उत्साहवर्द्धक है और कार्य संस्कृति में सुधार लाने में सहायक हैं। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में इस प्रकार केे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होने चाहिए।