नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा में पार्टी के 25 सदस्यों के निलम्बन के विरोध में आज लगातार तीसरे दिन संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप धरना दिया और सरकार के खिलाफ में जमकर नारेबाजी की। इसी बीच सोनिया गांधी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार अहंकार में काम कर रही है। सोनिया ने नगा शांति समझौते पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे पर नागालैंड के मुख्यमंत्री से बात नहीं की गई। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह उन तीनों मुख्यमंत्रियों और देश की जनता का अपमान है। उन्होंने कहा, ‘संसद में हमारी आवाज दबाई जा रही है। 3 राज्यों की आवाज दबाई जा रही है। यह भारत के लोगों का अपमान है। कांग्रेस के सदस्यों ने धरने में जनता दल यू तथा राष्ट्रीय जनता दल के सांसदों ने भी कांग्रेस का साथ दिया और जमकर नारेबाजी की। धरने में गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, उपनेता आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व मंत्री ए. के. एंटनी, रेणुका चौधरी, कमलनाथ, मणिशंकर अय्यर,ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरप्पा मोइली समेत लोकसभा और राज्यसभा के पार्टी के सभी सदस्य शामिल हुए।
कई कांग्रेसी सदस्य काला चोगा पहने हुए थे। उन्होंने बाजू पर काली पट्टियां बांधी हुई थी। वे काले झंडे लहरा रहे थे और मोदी सरकार के खिलाफ में नारेबाजी कर रहे थे। जनता दल(यू) के अध्यक्ष शरद यादव और महासचिव के. सी. त्यागी तथा और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने भी धरनास्थल पर कांग्रेस के साथ एकजुटता व्यक्त की तथा नारे लगाये। कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिस पर जिस पर बड़े ‘मोदी मेहरबान तो छोटे मोदी पहलवान,’ भ्रष्टाचार पर लंबे चौड़े भाषण, ललित मोदी पर क्यों मौन आसन, ‘मंत्रियों को बर्खास्त करो, गुजरात मॉडल नहीं चलेगा, लोकतंत्र की हत्या बंद करो, हिटलरशाही बंद करो,‘सुषमा स्वराज इस्तीफा दो, वसुंधरा राजे इस्तीफा दो’ और शिवराज सिंह इस्तीफा दो लिखा हुआ था। वे ‘तानाशाही बंद करो’, ‘अच्छे दिन कहां गए’, ‘मोदी जी चुप्पी तोड़ो’, ‘15 लाख कहां गए’, ‘ 56 छाती क्या हुआ’, हिटलरशाही नहीं चली तो मोदीशाही नहीं चलेगी’, जैसे नारे लगा रहे थे।