उत्तर प्रदेशलखनऊ

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रमोशन का रास्ता साफ, अब समय पर मिलेगा लाभ

अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सुपरवाइजर पद पर होने वाले प्रमोशन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति करेगी। नीति आयोग के सुझाव पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पुरानी व्यवस्था समाप्त कर नई गाइडलाइन के तहत निर्देश जारी किए हैं।आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रमोशन का रास्ता साफ, अब समय पर मिलेगा लाभ

 

दरअसल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को वर्ष 2011 से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय से प्रमोशन नहीं मिला है। इस संबंध में बीती 6 मार्च को दिल्ली में नीति आयोग ने कार्यकर्ताओं की सेवा संबंधी समस्याओं के निस्तारण को लेकर कई सुझाव दिए। इसमें एक सुझाव डीएम को प्रमोशन का अधिकार देने का भी था, ताकि उनकी सेवा संबंधी समस्या का निस्तारण होने के साथ ही पोषाहार वितरण में तेजी लाई जा सके। 

तेजी से हो सकेगा प्रमोशन

नियमानुसार 10 साल की सेवा पूरा करने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रमोशन का प्रावधान है, लेकिन इन्हें समय से प्रमोशन नहीं मिला। लिहाजा इन्हें बार-बार निदेशालय आना पड़ता हैं। कई बार प्रमोशन के नाम पर कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों पर उत्पीड़न के आरोप भी लगाए। इसी कारण वर्षों तक प्रमोशन की फाइल निदेशालय में इधर-उधर घूमती रहती हैं। 

प्रधानमंत्री ने दिया था सुझाव  

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यह फैसला संभवत: प्रधानमंत्री के उस निर्देश पर लिया, जिसमें उन्होंने प्रदेश के अति पिछड़े जिलों में कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन पहुंचाने के लिए डीएम से लेकर अन्य विभागों के सक्रिय अधिकारियों को तैनात करने का सुझाव दिया था। यूपी में भी ऐसे आठ जिले चिह्नित किए गए हैं। इनमें सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती, फतेहपुर हैं। 
 
 

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