आईजीएमसी मे बत्ती गुल, वार्ड में मरीजों ने जलाई टॉर्च
बताया जा रहा है कि अस्पताल के दूसरे वार्डों में भी दिन भर बिजली की आंख मिचौनी चलती रही। कुछ देर मरीज और तीमारदार बिजली आपूर्ति बहाल होने का इंतजार करते रहे, लेकिन जब बिजली नहीं आई तो मजबूरी में कइयों ने टॉर्च तो कइयों ने मोबाइल की लाइट जला ली।
इसी लाइट में मरीजों को खाना खाने को मजबूर होना पड़ा। मरीज और तीमारदार दिन भर अस्पताल प्रबंधन को कोसते रहे। शाम करीब चार बजे बिजली आपूर्ति बहाल की जा सकी। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में इस तरह के हालात हैं तो दूसरे अस्पतालों में स्थिति क्या होगी?
मरीजों को अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में दवाइयों को तलाशना पड़ा। अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में सुबह ग्यारह बजे बिजली गुल हो गई। मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि हजारों रुपये खर्च होने के बाद भी बुनियादी सुविधा अस्पताल में नही मिलती है।
अस्पताल में सबसे ज्यादा परेशानी प्राइवेट वार्ड में मरीजों को झेलनी पड़ी। वार्ड में सुबह ग्यारह बजे से ही बिजली गुल हो गई थी। इस दौरान अस्पताल में कुछ जगहों पर तो दिन में ही अंधेरा छाया गया। प्राइवेट वार्ड में सुबह से ही बिजली गुल रही।
अस्पताल में परिजन के साथ रह रहे मंडी के नेक चंद ने कहा कि सुबह ग्यारह बजे से बिजली की आपूर्ति बाधित है तथा वार्ड में मरीज परेशान होते रहे। तीमारदारों में अव्यवस्था पर रोष रहा।
पर्ची काउंटर पर भी रही भीड़- इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में पर्ची काउंटर पर खासी भीड़ रही। अस्पताल में इस दौरान मरीजों की पर्ची एक ही काउंटर पर बन रही थी जबकि दूसरे काउंटर बंद थे। अस्पताल में आपातकालीन वार्ड में उपचार के लिए काफी लोगों की भीड़ उमड़ी थी।
ऐसे में एक काउंटर पर लोगों को पर्ची बनाने के लिए काफी देर तक इंतजार भी करना पड़ा। आईजीएमसी में मरीज और उनके तीमारदार दिन भर परेशान होते रहे। अव्यवस्थाओं पर लोगों ने रोष भी जताया।
मरम्मत के चलते बंद थी बिजली- इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद ने बताया कि मरम्मत कार्य चला था। इस कारण अस्पताल में सुबह ग्यारह से साढे़ बारह बजे तक बिजली की सप्लाई को काटा गया था।