आईपीएफटी के कार्यक्रम को लेकर कड़ी सुरक्षा
अगरतला : अलग राज्य की मांग दिवस को लेकर इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्वीपुरा की ओर से आदिवासी क्षेत्र स्वायत्तशासी जिला परिषद के मुख्यालय खुमुल्वंग में आयोजित समारोह को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आईपीएफटी इस मौके पर पहले अगरतला में कार्यक्रम करना चाहती थी लेकिन अधिकारियों ने गत वर्ष रैली के दौरान शहर में हुई हिंसा के अनुभव को देखते हुए इसे शहर में कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी। हालांकि आईपीएफटी को खुमुल्वंग में कुछ शर्तों के साथ शांति से दिवस के आयोजन की मंजूरी दे दी गई।
पुलिस ने कहा, ”समारोह को हिंसा मुक्त और शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए उचित सुरक्षा और प्रशासनिक इंतजाम किए गए हैं।इसके अलावा आईपीएफटी के प्रभाव वाले और हिंसा की संभावनाओं वाले इलाके में राज्य पुलिस और सशस्त्र बल के साथ बड़ी संख्या में अद्र्धसैनिक बल के जवानों तथा सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है। इस बीच आईपीएफटी ने कहा कि वे कभी भी किसी प्रकार की हिंसा में शामिल नहीं रहे।
उनका आरोप है कि हर बार सत्तारुढ़ माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) राजनीतिक हित के लिए पुलिसकर्मियों के एक वर्ग के साथ मिलकर हिंसा भड़काने में शामिल रही है। पार्टी के मुताबिक दिवस के आयोजन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं लेकिन माकपा राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंसा भड़काना चाहती है। आईपीएफटी के अध्यक्ष एन.सी. देववर्मा ने कहा, ”गत वर्ष हुई हिंसा को पुलिस ने स्वत:स्फूर्त अंदाज से लिया था लेकिन इस मामले में सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि रहस्यमय चुप्पी साध रखी है। इससे सरकार की संलिप्तता का ही संकेत मिलता है। हम गत वर्ष हुई घटना पर सरकार की कार्रवाई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हैं।”