आचार्य निति: अगर मनुष्य इन 6 बातों का नहीं रखेगा ध्यान, तो उसका हो सकता है नाश
आचार्य चाणक्य जी अपने समय के सबसे बड़े विद्वान और एक बहुत ही अच्छे नीतिकार हुआ करते थे भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है आचार्य चाणक्य जी ने अपने ज्ञान के बल पर चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का राजा बना दिया था इतना ही नहीं उन्होंने “चाणक्य नीति” नाम की एक ग्रंथ की भी रचना की है जिसमें मनुष्य को सफल बनाने की बहुत सी ज्ञान की बातें बताई गई हैं इसका हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान माना गया है जैसे समय बदलता जा रहा है वैसे सभी लोग आगे बढ़ते जा रहे हैं परंतु ज्यादातर लोग अपने जीवन में आगे बढ़ने कि जल्दी बाजी में सही और गलत का फैसला करना भूल जाते हैं जिसकी वजह से उनको बहुत बुरा परिणाम झेलना पड़ता है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आचार्य चाणक्य जी द्वारा बताई गई ऐसी कुछ बातें बताने वाले हैं जिसका पता हर मनुष्य को होना चाहिए अगर मनुष्य इन बातों पर गौर करता है तो वह बर्बादी से बच सकता है।
आइए जानते हैं मनुष्य को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि इंसान को उस धन को कभी भी स्वीकार नहीं करना चाहिए जिसके लिए उसने कठोर यातना सही है, सदाचार का त्याग करा है और अपने शत्रु की चापलूसी की है।
- आचार्य चाणक्य जी के अनुसार काँटों और दुष्ट व्यक्तियों से बचने के 2 उपाय है अपने पैरों पर खड़े हो और उन्हें इतना शर्मसार कर दो कि वह अपना सर उठाकर चल ना सके और वह अपने आप से ही दूर हो जाए।
- आचार्य चाणक्य जी का ऐसा कहना है कि जो मनुष्य साफ़ कपड़ों का धारण नहीं करता, जिसके दांत साफ नहीं होते, जो जरूरत से ज्यादा खाता है, जो कठोर शब्दों का प्रयोग करता है, जो व्यक्ति सूर्योदय के पश्चात उठता है, ऐसे व्यक्ति का चाहे कितना भी व्यक्तित्व क्यों ना हो उसके ऊपर कभी भी धन की देवी माता लक्ष्मी जी की कृपा नहीं रहती है।
- आचार्य चाणक्य जी ने एक बहुत ही अच्छी बात बताते हुए कहा है कि जिस व्यक्ति को चारों वेद और समस्त धर्म शास्त्रों का ज्ञान है परंतु अगर उसे अपने आत्मा की अनुभूति नहीं है तो उसे किसी का भी ज्ञान नहीं है जिस प्रकार अनेक पकवानों को उठाया लेकिन उसका स्वाद नहीं चखा तो ऐसे पकवानों को लेना किस काम का।
- आचार्य चाणक्य जी ने मनुष्य को बहुत ही अच्छी बात बताते हुए कहा है कि हर किसी व्यक्ति को यही सोचना चाहिए जो बीत गया सो बात गया, यहां आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति के हाथ से कोई गलत कार्य हो जाए तो उसको इस चीज की चिंता छोड़कर वर्तमान समय में अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए और अपने भविष्य को संवारने की कोशिश करनी चाहिए।
- आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि यदि कोई सांप जहरीला नहीं है परंतु वह कभी फुफकारना नहीं छोड़ता है ठीक इसी तरह जो व्यक्ति कमजोर होता है उसको अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानना चाहिए और ना ही उसको अपनी कमजोरी का प्रदर्शन करना चाहिए।