आज है रामलीला मैदान में भाजपा अधिवेशन का आखिरी दिन
भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन दिल्ली के रामलीला मैदान में हो रहा है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पीएम मोदी पहुंचे, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पहुंचे हैं।
अमित शाह ने कहा कि देशभर में छोटी-छोटी पार्टियों ने भाजपा का साथ देने का फैसला किया है। हमने सभी दलों को एकत्रित किया है। ये सभी मोदी जी के नेतृत्व में देश के विकास यज्ञ में समिधा डालने को तैयार है।
पीएम मोदी ने कहा, कभी दो कमरों से चलने वाली पार्टी, दो सांसदों वाली पार्टी आज इस विशाल स्वरूप में अपना राष्ट्रीय अधिवेश कर रही है जो अपने आप में अद्भुत और अविस्मरणीय है। यह राष्ट्रीय परिषद की पहली बैठक है जो अटलजी के बिना हो रही है। वो आज जहां से भी हमें देख रहे होंगे, उन्हें अपने बच्चों की इस ऊर्जा औ राष्ट्र के प्रति समर्पण को देखकर संतोष हो रहा होगा।
केंद्र में भाजपा सरकार है और देश के 16 राज्यों में हम या तो सरकार चला रहे हैं या सरकार के सहयोगी हैं। इसमें आप सभी का सहयोग मूल्यवान है। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं।
हमसे पहले की सरकार का जो कार्यकाल था, उसने देश को बहुत अंधेरे में धकेल दिया था। अगर मैं कहूं कि भारत ने 2004 से 2014 के महत्वपूर्ण 10 साल, घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों में गंवा दिए, तो गलत नहीं होगा। 21वीं सदी की शुरूआत में ये 10 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण थे।
पिछले साढ़े चार साल में भाजपा के नेतृत्व में जिस तरह हमारी सरकारें चली है, उससे जनमानस में यह भाव स्थापित हुआ है कि देश को ऊंचाई पर अगर कोई दल ले जा सकता है तो वह सिर्फ और सिर्फ भाजपा है। राष्ट्रीय परिषद में किसान, गरीब और वर्तमान राजनीति से जुड़े प्रस्ताव रखे गए हैं। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमें इन प्रस्तावों में लिखी एक-एक बात याद हो। ये बातें घर-घर तक पहुंचनी चाहिए।
स्वतंत्रता के बाद अगर सरदार बल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बनते तो देश की तस्वीर कुछ और ही होती, वैसे ही 2000 के चुनाव के बाद अगर अटल जी प्रधानमंत्री बने रहते तो आज भारत कहीं और होता।
इतने सारे लोगों का स्वेच्छा से रियायतें छोड़ देना, उद्यमियों का जीएसटी से जुड़ते जाना और आयकर भरने वालों की संख्या में जुड़ते जाना.. यह इसलिए हो रहा है कि देश के निर्माण में हर कोई आगे आ रहा है।
भाजपा सरकार के कार्यकाल ने ये साबित किया है कि देश सामान्य नागरिक के हित में बदल सकता है। भाजपा सरकार के कार्यकाल ने ये साबित किया है कि सरकार बिना भ्रष्टाचार के भी चलाई जा सकती है और सत्ता के गलियारों में टलहने वाले दलालों को भी बाहर किया जा सकता है।
भाजपा की सरकार का मूलमंत्र है सबका साथ-सबका विकास और एक भारत-श्रेष्ठ भारत। जब हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बात करते हैं तो उनमें क्षेत्रीय अस्मिताओं और आकांक्षाओं के लिए पूरा स्थान है।
सामान्य श्रेणी के गरीब युवाओं को शिक्षा और सरकारी सेवाओं में 10 फीसदी आरक्षण नए भारत के आत्मविश्वाश को आगे बढ़ाने वाला है। ये सिर्फ आरक्षण नहीं है बल्कि एक नया आयाम देने की कोशिश है।
पहले से जिनको आरक्षण की सुविधा मिल रही थी उनके हक को छेड़े बिना, छीने बिना भाजपा सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। हमारी सरकार ने माहौल को बेहतर बनाने को प्राथमिकता दी है। हमने एक उचित, ईमानदार और पारदर्शी व्यवस्था विकसित करने का प्रयास किया है।
आज के युवा को पता है कि उसकी आवाज सुनी जा रही है। वह जानता है कि उसके देश की शान मजबूत हो रही है। वह जानता है कि देश की आर्थिक और सामरिक हैसियत मजबूत हो रही है। भाजपा के हर कार्यकर्ता को इस व्यवस्था के पीछे के भाव और इसके लाभ को समाज के भीतर व्यापक चर्चा करनी चाहिए। कुछ लोग कोशिश कर रहे है कि इस बारे में भ्रम फैला कर असंतोष की आग लगाते रहे। हमें उनकी साजिशों को भी नाकाम करते चलना है।
बेटियां सक्षम हैं और शक्ति का रूप भी हैं। यही कारण है कि भारत के इतिहास में पहली बार सशस्त्र बलों में बेटियों की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है, बेटियां फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं।
जब हम किसानों की समस्या के समाधान की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है। पहले जिनके पास किसानों की समस्याओं का हल निकालने का जिम्मा था, उन्होंने शॉर्टकट निकाले, उन्होंने किसानों को सिर्फ मतदाता बना रखा। हम अन्नदाता को ऊर्जादाता भी बनाना चाहते हैं।
हमारी सरकार ने स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों को न सिर्फ लागू किया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसानों को एमएसपी का डेढ़ गुना दाम मिले। पहले दाल की कीमतों को लेकर कितना हल्ला मचाया जाता था। अब कितने दिन हो गए कि टीवी पर दाल की कीमतों पर ब्रेकिंग न्यूज नहीं आई। यह संभव हुआ क्योंकि हमारी सरकार ने नई नीतियां बनाई हैं।
यूपीए सरकार ने अपने आखिरी पांच साल में किसानों से 7 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद की। हमने बीते साढ़े चार साल में 95 लाख मीट्रिक टन उपज किसान से खरीदी। अब भी हम किसानों के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं।
कोशिशों में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी है और ये आगे भी जारी रहेगी। साल 2022 तक किसान अपनी आय दोगुनी करने के साधन जुटा सके इसके लिए हम दिन रात जुटे हुए हैं।
विरोधी दलों के लोग आरोप लगाते हैं हमने सिर्फ योजनाओं के नाम बदले हैं। ऐसे लोग ये बताएं कि कितनी योजनाएं नरेन्द्र मोदी के नाम से चल रही है? ये इसलिए है क्योंकि भाजपा में हमें यही सिखाया गया है कि स्वयं से बड़ा दल और दल से बड़ा देश होता है।
क्या आयुष्मान भारत योजना के आगे नरेन्द्र मोदी लिखा है? क्या भारत माला, सागर माला के आगे नरेन्द्र मोदी लिखा है? क्या उज्ज्वला योजना मोदी के नाम से जानी जाती है? ऐसा नहीं है क्योंकि हमारे लिए स्वयं से बड़ा दल और दल से बड़ा देश है।
2014 से पहले देश उस स्थिति में था जब बैंकों में अपना पैसे जमा करने वालों की कोई कद्र नहीं थी। जिनके पास जनता के पैसे की रक्षा की जिम्मेदारी थी, वो ही जनता का पैसा लुटा रहे थे, कांग्रेस की सरकार में जनता का पैसा घोटालेबाजों को लोन के रूप में दिया जा रहा था।
कांग्रेस के समय लोन लेने के दो तरीके थे। एक था कॉमन प्रोसेस और दूसरा कांग्रेस प्रोसेस। कॉमन प्रोसेस में आप बैंक से लोन मांगते थे और कांग्रेस प्रोसेस में बैंकों को कांग्रेस के घोटालेबाज मित्रों को लोन देने के लिए मजबूर किया जाता था।
आजादी से लेकर 2008 तक 60 सालों में बैंकों ने मात्र 18 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया था। लेकिन 2008 से 2014 तक ये आंकड़ा बढ़कर 52 लाख करोड़ हो गया यानि कांग्रेस के आखरी 6 साल में 34 लाख करोड़ के लोन दिए गए।
हमने कांग्रेस प्रोसेस वाली लोन व्यवस्था पर लगाम लगाई है। इसका परिणाम है कि जहां पहले बैंकों का पैसा जा रहा था, वहीं अब बैंकों का पैसा वापस आ रहा है।
जो राजनीतिक दल एक जमाने में कांग्रेस के तौर तरीकों को सही नहीं मानते थे वो आज एकजुट हो रहे हैं। जब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता जमानत पे हैं, तब ये दल कांग्रेस के सामने सरेंडर कर रहे हैं। ये देश के मतदाताओं को धोखा देने का प्रयास है।
राजनीति विचारों पर की जाती है। गठबंधन विजन पर बनते हैं। लेकिन ये पहला अवसर हैं जब ये सब राजनीति दल सिर्फ एक व्यक्ति को हराने के लिए एकजुट हो रहे हैं। हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि किसानों को फसलों का उचित दाम मिलें, वो मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि यूरिया घोटाला किया जा सके।
वो मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में घोटाला किया जा सके, एंबुलेंस घोटाला किया जा सके। लेकिन हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि आयुष्मान भारत जैसी मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली योजना चलाई जा सकें।
वो मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि रक्षा सौदों में दलाली खाई जा सके, हम मजबूत सरकार चाहते हैं जिससे देश की सेना की हर जरूरत को पूरा कर सकें। वो मजबूर सरकार चाहते है ताकि किसानों की कर्जमाफी में भी घोटाला कर सकें, हम मजबूत सरकार चाहते हैं जिससे देश का किसान सशक्त बनें।
अयोध्या विषय में कांग्रेस अपने वकीलों के माध्यम से न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नहीं चाहती की अयोध्या विषय का हल आए। कांग्रेस का ये रवैया किसी को भूलना नहीं चाहिए।
ये चाहे जितनी गलियां दें ये चौकीदार रुकने वाला नहीं है। अभी तो शुरुआत हुई है। चोर चाहे देश में हो या विदेश में ये चोकीदार एक को भी छोड़ने वाला नहीं है।
कांग्रेस और उसका नामदार परिवार सिस्टम को कैसे तोड़ता है उसका ये उदाहरण है कि नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष व अन्य नेता जमानत पर बाहर हैं। इस केस से पता चलता है कि कांग्रेस के नेता जनता का जमीन व धन भी हड़प लेते हैं।
आज उन्हें सीबीआई स्वीकार नहीं है, कल कोई दूसरी संस्था स्वीकार नहीं होगी। आर्मी, पुलिस, सुप्रीम कोर्ट, इलेक्शन कमीशन, सीएजी, सब गलत हैं, लेकिन एकमात्र वही सही हैं। क्या हम राष्ट्र को उनके भरोसे छोड़ सकते हैं?
2007 में कांग्रेस के एक मंत्री ने कहा था कि कुछ महीनों में मोदी जेल चला जाएगा। अमित भाई को तो उन्होंने जेल में डाल भी दिया था। लेकिन हमने सीबीआई को गुजरात में प्रवेश करने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं बनाया क्योंकि हमें कानून पर विश्वास था। ये लोग एजेंसियों पर इसलिए आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वे डरे हुए हैं।
जमानत पर बाहर घुमनें वाले इन नेताओं को न कानून पर विश्वास है, न सत्य पर भरोसा है, और न ही इनको संस्थानों पर विश्वास है। इनको राजशाही पर भरोसा है, लेकिन हम लोकशाही को मनाने वाले लोग हैं।
भाजपा सरकार के कार्यकाल ने ये साबित किया है कि देश बदल सकता है और सामान्य नागरिक के हित में बदल सकता है। सरकार बगैर भ्रष्टाचार के भी चलाई जा सकती है। सत्ता के गलियारों में टलहने वाले दलालों को भी बाहर किया जा सकता है।
क्या आप ऐसे सेवक को पसंद करेंगे जो आपके घर का पैसा चोरी करके अपने परिवार में बांटे? क्या आप चाहते हैं कि वो पड़ोसियों को आपके घर के अंदर की बात बताए? जैसे आप अपने घर का सेवक तय करते हैं वैसे ही तय कीजिए की देश को कैसा प्रधानसेवक चाहिए।
संगठन के संस्कार से अगर हम तपे नहीं होते तो दूसरों की मीठी मीठी बातों से हम फिसल चुके होते। पार्टी परंपराओं को अपने जीवन में ढालकर, अनुशासन और लाखों कार्यकर्ताओं के तप व त्याग से आज हम यहां पहुंचे हैं।
हमारे लिए जन सेवा ही प्रभु सेवा है। नर सेवा ही नारायण सेवा है। समता, ममता, समरसता, हमारे लिए सामाजिक न्याय की सीढ़ियां हैं। विकास, चौतरफा विकास, सबका साथ-सबका विकास ही हमारा लक्ष्य है।