लखनऊ। सूबे के नगर विकास मंत्री और वरिष्ठ सपा नेता मो0 आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट पर अदालत के आदेश के बाद अब ग्रहण लग गया है। उप्र के कार्यवाहक राज्यपाल रहे डॉ. अजीज कुरैशी से आजम ने भले ही जौहर विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा दिलवा लिया हो, लेकिन इसमें अब अदालती पेंच फंस गया है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बनाए जाने संबंधी अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किए जाने के आग्रह वाली एक याचिका पर सुनवाई करने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उप्र के महाधिवक्ता को नोटिस भेज जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति देवेंद्र उपाध्याय की बेच के समक्ष 22 जुलाई को यह याचिका दायर की गयी थी। इस याचिका पर गुरुवार सुबह सुनवाई के बाद अदालत ने यह नोटिस जारी किया। याचिका हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस समेत नौ स्थानीय वकीलों की तरफ से दायर की गयी थी। उल्लेखनीय है कि उप्र के कार्यवाहक राज्यपाल रहे कुरैशी ने कुछ दिन पहले ही आजम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर अपनी मुहर लगा दी थी लेकिन अदालत की तरफ से नोटिस जारी होने क बाद अब एक बार फिर मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय चर्चा में आ गया है।