नई दिल्ली। कई दिनों की उठापठक के बाद आम आदमी पार्टी में सरकार बनाने के स्वर उठते दिखाई दे रहे हैं। उम्मीद है कि इसकी आधिकारिक घोषणा आज कर दी जाए। आम आदमी पार्टी के आज हुई बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि पार्टी सैद्धांतिक रूप से सरकार बनाने को तैयार है। इस बैठक में यह भी बात सामने आई कि किसी भी अंतिम फैसले पर पहुंचने से पहले आप दिल्ली के सभी 280 इलाकों की जनता के बीच बैठक करेगी जिसके बाद फैसला किया जाएगा। यदि आप सरकार बनाने से पीछे हटती है तो यह आने वाले दिनों में उसके लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा उठाए गए 18 मुद्दों पर कांग्रेस के अपना रुख स्पष्ट किए जाने के बाद आप के वरिष्ठ नेता आगे की योजना पर विचार करने के लिए आज बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि अगर दिल्ली की जनता पार्टी के सरकार बनाने के फैसले पर हामी भरती है तो भविष्य में कांग्रेस के लिए समर्थन वापस लेना बेहद मुश्किल हो जाएगा। पार्टी के कई नेता सरकार बनाने के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि समर्थन देकर कांग्रेस जाल बिछा रही है लेकिन पार्टी के ज्यादातर नेता सरकार बनाने के पक्ष में हैं। कांग्रेस ने पिछले शुक्रवार को आप को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया था। इसके बाद केजरीवाल ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर 18 मुद्दों पर उनसे उनके दलों की राय मांगी थी। इन मुद्दों में जन लोकपाल को पारित किया जाना, दिल्ली का पूर्ण राज्य का दर्जा, पानी शुल्क में कमी, बिजली वितरण कंपनियों का अंकेक्षण आदि शामिल हैं। इस बीच उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली में अगली सरकार के गठन को लेकर बने राजनीतिक गतिरोध के बीच सुझाये कुछ विकल्पों में नयी विधानसभा को निलंबन में रखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है।
दिल्ली में त्रिशुंक विधानसभा की स्थिति में किसी भी पार्टी द्वारा सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं होने पर उपराज्यपाल ने यह सिफारिश की है। उधर कांग्रेस ने सरकार बनाने को लेकर गेंद वापस आप के पाले में डाल दी है और कहा कि उसकी 18 मांगों में से 16 में केवल प्रशासनिक फैसलों की जरूरत है और उनमें संसद या विधानसभा का कोई लेनादेना नहीं है।