नई दिल्ली: स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली सरकार का नया जनलोकपाल विधेयक उससे अलग है जिसका मसौदा अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन के दौरान तैयार किया गया था क्योंकि स्वतंत्र लोकपाल की नियुक्ति एवं उसे पद से हटाना राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
जानेमाने वकील भूषण ने कहा कि विधेयक एक स्वतंत्र लोकपाल के सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है और यह ‘‘एक जोकपाल से बदतर’’ है.. शब्द जिसका इस्तेमाल आप ने केंद्र की ओर से पारित लोकपाल विधेयक के लिए किया था। उन्होंने कहा कि इसे असफल होने के लिए तैयार किया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली लोकपाल विधेयक उन सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है जिसका मसौदा हमने तैयार किया था जैसे नियुक्ति एवं पद से हटाना सरकार के अधीन न हो, लोकपाल के अधीन स्वतंत्र जांच एजेंसी। दिल्ली लोकपाल विधेयक को देखकर हैरानी हुई। नियुक्ति एवं पद से हटाना दिल्ली सरकार द्वारा, उसके अधीन कोई जांच एजेंसी नहीं, भारत सरकार की जांच करने का भी अधिकार, इसे असफल होने के लिए तैयार किया गया है।’’