आपकी सैलरी में अप्रैल से होगा ये बदलाव, पढ़िए पूरी खबर…
क्या होता है स्टैंडर्ड डिडक्शन:स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी आय का वो हिस्सा होता है, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. यही नहीं, इस छूट का फायदा उठाने के लिए आपको किसी भी तरह के दस्तावेज भी नहीं दिखाने होते हैं.
कितना होगा फायदा? स्टैंडर्ड डिडक्शन की तुलना मेडिकल अलाउंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस के साथ करें, तो आपको पहले इन दोनों की बदौलत 34200 रुपये का फायदा मिलता था. वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन आपको 40 हजार का मिलेगा. इस तरह ऊपरी तौर पर इसका फायदा आपको 5800 रुपये (34200-40 हजार ) के तौर पर मिलेगा.
मौजूदा समय में 2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है. 2.5 लाख से 5 लाख की इनकम पर 5 फीसदी, 5 लाख से 10 लाख की सालाना कमाई पर 20 फीसदी और इससे ज्यादा की कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगता है.
उदाहरण: मान लीजिए कि आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये है. इसमें 40 हजार स्टैंडर्ड डिडक्शन घटा दें, तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 460000 रुपये हो जाएगी. इस तरह आपको इस रकम पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा.
मौजूदा व्यवस्था में: फिलहाल आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन नहीं मिलता, लेकिन आपको मेडिकल और ट्रांसपोर्ट अलाउंस के तौर पर 34200 रुपये मिलते हैं. इसके हिसाब से अगर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 5 लाख है. इसमें 34200 रुपये घटा देंगे, तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम बनती है 465800 रुपये.