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आभूषण कारोबारी हड़ताल पर, सरकार ने कहा, 1% उत्पाद शुल्क भरना आसान

एजेन्सी/  106521-gold-delhi-priceचेन्नई: सरकार ने कहा है कि आभूषण विनिर्माताओं पर लगाये गये 1% उत्पाद शुल्क को भरने का तरीका काफी आसान है और यह इसमें कोई अतिरिक्त बोझ नहीं है। इससे पहले सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह लगाये गये 1% उत्पाद शुल्क को वापस नहीं लेगी। हालांकि, इस बीच आभूषण कारोबारियों की हड़ताल 14वें दिन में प्रवेश कर गई है।

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क मुख्य आयुक्त जे.एम. केनेडी ने कहा, ‘‘यह काफी सामान्य प्रक्रिया है। सर्राफा कारोबार एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को ऑनलाइन भर सकते हैं और इसके लिये वह दो दिन में ही पंजीकरण भी पा सकते हैं।’’ आभूषण कारोबारियों की इस आशंका को दूर करते हुये कि यह एक अतिरिक्त बोझ होगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह :उत्पाद शुल्क: उन आभूषण विनिर्माताओं पर लागेगा जिनका कुल कारोबार पिछले साल में 12 करोड़ रपये से अधिक रहा है।’’

ऐसे कारोबारी जिनका कारोबार 12 करोड़ रुपये से कम है वह अगले वित्त वर्ष में छह करोड़ रुपये तक छूट के पात्र होंगे। ऐसे छोटे आभूषण कारोबारी मार्च 2016 के लिये 50 लाख रुपये तक की छूट पाने के पात्र होंगे। केनेडी ने कहा कि दूसरों के लिये जॉब-वर्क के तौर पर सोने के आभूषण बनाने वालों को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के साथ पंजीकृत होने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा, यह पूरी प्रक्रिया (आभूषण विनिर्माताओं के ओर से) स्व-आकलन और स्वैच्छिक अनुपालन पर आधारित है। वित्त मंत्री अरण जेटली ने कल सामान्य चांदी के आभूषणों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के सोने-चांदी के आभूषणों पर लगाये गये एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को वापस लेने से इनकार कर दिया और कहा कि यह सोने के कारोबार को वस्तु एवं सेवाकर कर (जीएसटी) के साथ जोड़ने की प्रक्रिया का हिस्सा है।

उल्लेखनीय है कि 29 फरवरी को आम बजट में सोने और चांदी के हीरा एवं अन्य रत्न जड़ित आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाये जाने के बाद से ही देशभर के सर्राफा कारोबारियों ने काम बंद कर दिया और दो मार्च से उनकी हड़ताल देशव्यापी हड़ताल में शुरू हो गई। सर्राफा कारोबारी दो लाख रुपये से अधिक की खरीद फरोख्त पर पैन नंबर का उल्लेख अनिवार्य रूप से किये जाने का भी विरोध कर रहे हैं।

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